Diabetes patients Risk। आजकल कम उम्र में ही अचानक दिल के दौरे और कार्डियक अरेस्ट के कारण होने वाली मौतों के मामले खौफ पैदा कर रहे हैं। हेल्थ एक्सपर्ट का भी मानना है कि अनियमित जीवनशैली और खानपान में लापरवाही के कारण कम उम्र में ही डायबिटीज के रोगियों की संख्या भी बढ़ गई है और शरीर में शुगर लेवल कम या ज्यादा होने पर भी हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।

क्या होता है डायबिटीज में

शरीर जब इंसुलिन हार्मोन का बनाने में असमर्थ हो जाता है तो इस कारण से रक्त में ग्लूकोज को नियंत्रित कर पाना बेहद मुश्किल हो जाता है। रक्त में उच्च रक्त शर्करा के स्तर का कारण मरीज को बार-बार प्यास लगना और पेशाब में वृद्धि, भूख में वृद्धि, वजन परिवर्तन, लगातार घाव बने रहना या हाल में पैर में सुन्नता या झुनझुनी, थकान जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। अधिकांश मरीजों की आंखों की रोशनी भी धुंधली हो जाती है।

50 फीसदी डायबिटीज मरीजों का हृदय रोग

हेल्थ एक्सपर्ट का भी अनुमान है कि करीब 50 से 60 प्रतिशत मधुमेह रोगी हृदय रोगों से पीड़ित होते हैं। हाई शुगर वाले डायबिटीज मरीजों में हार्ट अटैक आने का खतरा भी ज्यादा होता है। ऐसे में मरीजों में कोरोनरी धमनियों, मस्तिष्क धमनियों और गुर्दे के रक्त प्रवाह धीमा हो जाता है और इस कारण से कार्डियक अरेस्ट आने की आशंका बढ़ जाती है। डायबिटीज के कारण जब रक्त वाहिकाओं में रुकावट पैदा होती है तो इस स्थिति में 'एथेरो स्क्लेरोटिक हृदय रोग' कहा जाता है।

डायबिटीज रोगी इन बातों का रखें ध्यान

डायबिटीज सिर्फ मीठा खाने से नहीं होता है। डायबिटीज का मुख्य कारण बढ़ता मोटापा भी होता है, जो शारीरिक मेहनत नहीं करने के कारण होता है। डायबिटीज से बचाव के लिए नियिमत व्यायाम करें। आहार सामान्य होना चाहिए और ज्यादा से ज्यादा फाइबर फूड का सेवन करना चाहिए। सूखे मेवों में बादाम और अखरोट खाएं। संतुलित भोजन करें। फास्ट फूड का सेवन करने से बचना चाहिए। मानसिक तनाव लेने से भी डायबिटीज की समस्या हो सकती है।

डिस्क्लेमर

स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

Posted By: Sandeep Chourey

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