Hypothyroidism Symptoms। जब थायरॉयड ग्रंथि पर्याप्त हार्मोन का उत्पादन नहीं करती है, तब हाइपोथायरायडिज्म की स्थिति पैदा होती है। थायरॉइड हार्मोन शरीर के कई महत्वपूर्ण कार्यों को नियंत्रित करता है। इस हार्मोन का स्तर अगर कम होने लगे तो उसका प्रभाव शरीर के लगभग हर अंग पर पड़ता है और लगभग हर अंग का कार्य धीमा हो जाता है। इससे व्यक्ति के शरीर में कई तरह के लक्षण हो सकते हैं जैसे थकान, वज़न बढ़ना और डिप्रेशन आदि के साथ-साथ कई अन्य बीमारियां भी हो सकती हैं।
हाइपोथायरायडिज्म का इलाज
देखभाल और इलाज के प्रति मल्टीडिसीप्लिनरी दृष्टिकोण के साथ चलाए जाने वाले पूर्णकालिक स्पेशलिस्ट मॉडल का पालन करने वाले अस्पताल में हाइपोथायरायडिज्म की जल्द पहचान और निदान करने में मदद मिलती है। यहां मरीज़ के लिए सही पर्सनलाइज्ड ट्रीटमेंट प्लान शुरू किया जा सकता है। हाइपोथायरायडिज्म में भी स्वस्थ रह पाने और अपने कुल स्वास्थ्य में सुधार करने के लिए आप कई उपाय कर सकते हैं।
दवाओं के सेवन में न बरते लापरवाही
इंदौर स्थिति कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल में इंटरनल मेडिसिन कंसल्टेंट डॉ स्वप्निल जायसवाल के मुताबिक हाइपोथायरायडिज्म में जरूरी है कि आप अपने डॉक्टर द्वारा बताई गई दवा लें। दवा आपके शरीर में हार्मोन के स्तर को नियंत्रित करने और लक्षणों को कम करने में मदद करेगी।
स्वस्थ आहार लें
फल, सब्जियां और लीन प्रोटीन जैसे संपूर्ण खाद्य पदार्थों से भरपूर आहार लें। यह आपके समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और आपके लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है। प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ और बहुत ज़्यादा चीनी वाले खाद्य पदार्थों से बचें, उनसे वजन और हाइपोथायरायडिज्म के अन्य लक्षण भी बढ़ सकते हैं।
नियमित व्यायाम करना न भूलें
डॉ स्वप्निल जायसवाल का कहना है कि नियमित व्यायाम आपके ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने और आपके कुल स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद कर सकता है। हर हफ्ते में ज़्यादा से ज़्यादा दिन, कम से कम 30 मिनट तक मध्यम-तीव्रता वाले व्यायाम करें, जैसे तेज चलना, साइकिल चलाना या तैरना चाहिए।
पर्याप्त नींद लें
हाइपोथायरायडिज्म के प्रबंधन और समग्र स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए पर्याप्त नींद लेना ज़रूरी है। हर रात 7-8 घंटे की नींद लें। हर दिन सोने जाने और सुबह उठने का समय एक ही रखें।
तनाव का प्रबंधन करें
डॉ स्वप्निल जायसवाल के मुताबिक तनाव हाइपोथायरायडिज्म के लक्षणों को बढ़ा सकता है, इसलिए अपने जीवन में तनाव को प्रबंधित करने के तरीके खोजना ज़रूरी है। इसके लिए आप योग, ध्यान या थेरपी कर सकते हैं।

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यह भी पढ़ें लक्षणों पर नियमित ध्यान रखें
अपने लक्षणों का रिकॉर्ड रखें, वज़न, ऊर्जा स्तर या मूड में होने वाले हर बदलाव को उसमें शामिल करें। इससे आपको और आपके डॉक्टर को आपकी प्रगति को ट्रैक करने और आपके ट्रीटमेंट प्लान में आवश्यक बदलाव करने में मदद मिलेगी।
नियमित चेकअप करवाएं
थायराइड विकारों के स्पेशलिस्ट, एंडोक्राइनोलॉजिस्ट के पास जाकर नियमित रूप से चेकअप करवाएं। आपकी स्थिति ठीक से प्रबंधित की जा रही है या नहीं, आपके ट्रीटमेंट प्लान में बदलाव करना आवश्यक है या नहीं यह सुनिश्चित करने में एंडोक्रिनोलॉजिस्ट आपकी मदद कर सकते है।
Posted By: Sandeep Chourey
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