आज के समय में इंटरनेट मीडिया एक ऐसा साधन बन चुका है, जिसमें ग्रह नक्षत्र, सौंदर्य प्रसाधन से लेकर बीमारियों व परीक्षा के समय बच्चों के याददाश्त बढ़ाने या मेधा शक्ति बढ़ाने से संबंधित सैकड़ों आयुर्वेदिक और घरेलू उपचार और उपायों से भरे पड़े हैं।
इसी का नतीजा है कि इन दिनों लोगों पर इंटरनेट मीडिया का भूत सवार इस कदर सवार है कि दिनभर मोबाइल पर नजरें गड़ाए वीडियो देखते रहते हैं। कोई सुंदर दिखने के लिए घरेलू नुस्खे तरीका सीख रहा है तो हाई ब्लडप्रेशर, डायबिटीज, स्किन डिजीज, यौन शक्तिवर्धक, पेट से संबंधित रोगों से निजात पाने का तरीका।
इतना ही नहीं इंटरनेट मीडिया पर कैंसर, हाई ब्लडप्रेशर, डायबिटीज, हार्ट डिजीज, स्किन डिजीज, लिवर, यौन शक्तिवर्धक, पेट से संबंधित रोगों के आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों, घरेलू मसालों, सब्जियों और फलों से गंभीर और जीवनशैली गत रोगों में एलोपैथिक दवाओं से छुटकारा जैसे शर्तिया दावा भी किया जा रहा है, जिसके फेर में फंसकर लोगों की समस्या और बढ़ जाती है।
स्वास्थ्यगत समस्याओं पर चिकित्सकीय परामर्श से ही लें देवाएं
आयुर्वेदिक चिकित्सा विशेषज्ञ डा. संजय शुक्ला ने बतातें हैं कि इस तरह के आयुर्वेदिक और घरेलू नुस्खों से बचने की जरूरत है। और लोगों को कोई भी आयुर्वेदिक उपचार या परामर्श केवल क्वालिफाइड आयुर्वेद या प्राकृतिक चिकित्सक से ही लेना चाहिए।
आजकल सरकारी क्षेत्र में भी अनेक शासकीय आयुर्वेद कालेज चिकित्सालय, औषधालय और आयुष विंग संचालित हैं। जहां से लोगों को गुणवत्तापूर्ण उपचार मिल सकता है। कुछ लोग शहरों और कस्बों के सड़क किनारे टूरिस्ट बसों या तंबूओं में लगाए गए अवैध आयुर्वेदिक दवाखानों से दवाइयां या उपचार लेते हैं वह सेहत के लिए काफी नुकसानदायक होता है।
आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति एक वैज्ञानिक पद्धति है जिसमें रोगी के आयु, पाचन शक्ति, रोग प्रतिरोधक क्षमता और रोग के लक्षणों के आधार पर डिग्रीधारी आयुर्वेद विशेषज्ञों द्वारा दवाएं, खान-पान और दिनचर्या निश्चित की जाती है।
Posted By: Ashish Kumar Gupta
- # Social Media Harmful
- # Social Media for Treatment
- # Social Media Effect
- # Internet Media Bad Effect
- # Social Media Bad Impact
- # Health News