मुंबई। केंद्रीय रेल मंत्री सुरेश प्रभु के लिए रेल यात्रियों से शिकायतें कुछ नई बात नहीं है। यात्रियों की समस्याओं को जानने के लिए सुरेश प्रभु ने लोकल ट्रेन की यात्रा की। वास्तव में वे यात्रियों से मिलकर उनसे उनकी समस्याएं जानने के लिए पहुंचे थे। प्रभु करी रोड स्टेशन से ट्रेन पकड़ी जहां वे नए फुटओवर ब्रिज की नींव रखने पहुंचे थे। यहीं से वे लोकल में सवार हुए और छत्रपति शिवाजी टर्मिनस स्टेशन गए।
प्रभु की यह रेल यात्रा योजना में नहीं थी। सूत्रों का कहना है कि वह पहले माटुंगा वर्कशॉप से ही वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से इसमें शामिल हो रहे थे। लेकिन यहां के स्थानीय नेताओं ने कहा कि ऐनवक्त पर वे योजना में बदलाव क्यों कर रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि स्थानीय शिवसेना पार्टी के सदस्यों ने पार्टी मेंबर्स को समारोह में आने के लिए कह दिया था। इसलिए वे चाहते थे कि प्रभु आए। आखिरकार वे दोपहर 12:45 पर रेलवे अधिकारियों के साथ स्टेशन पहुंचे जहां उन्होंने दूसरे बार नींव रखी। यहां वे पूर्व मेयर महादेव देओल से मिले।
ट्रेन का इंतजार
समारोह पूरा हो जाने पर रेलवे पुलिस ने कॉर्डन ऑफ कर दिया और प्रभु को भीड़ से बचाने के लिए ह्यूमन चेन बना दी। इससे प्लेटफॉर्म पर जाने में लोगों को परेशानी होने लगी। ट्रेन 1.04 बजे आए यानी चार मिनट लेट।
प्रभु रेलवे अधिकारियों और आरपीएफ के जवानों के साथ ट्रेन में सवार हुए। ट्रेन में प्रभु ने यात्रियों से बातचीत की और उनकी समस्याएं जानी। उन्हें वहां देखकर लोग उत्साहित हो गए और वे सेल्फी भी लेना चाहते थे। कुछ सीनियर सिटीजन्स ने ट्रेन की बदहाली को लेकर अपनी शिकायतें सामने रखी। यात्रियों ने प्रभु को सीट भी ऑफर की लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। उन्होंने सीएसटी तक खड़े-खड़े ही यात्रा की। कुछ यात्रियों ने टॉयलेट्स की स्थिति की शिकायत की कि यहां साफ-सफाई नहीं रहती और बदबुदार रहता है।
ट्रेन 1.25 बजे स्टेशन पहुंच गई। प्रभु ने स्टेशनमास्टर्स और अन्य अधिकारियों से टॉयलेट्स की स्थिति सुधारने और साफ-सफाई का पूरा ध्यान देने को कहा। प्रभु ने सीएसटी में रेलवे अधिकारियों के साथ बैठक की और उसके बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस से मिले।
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