9 years of Modi government। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में आज 9 साल पूरे हो चुके हैं और इस 9 साल की अवधि में प्रधानमंत्री मोदी को कई बड़े फैसले भी लेने पड़े हैं। साल 2014 में जब प्रधानमंत्री मोदी ने पहली बार शपथ ली थी, तब से अब तक पीएम मोदी के कठिन फैसलों के कारण कई बड़े बदलाव हो चुके है। यहां हम आपको पीएम मोदी के 9 ऐसे कठिन फैसलों के बारे में बता रहे हैं, जिससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अदम्य साहस और दूरदर्शिता झलकती है। संभवत: पीएम मोदी से पहले किसी भी प्रधानमंत्री को अपने कार्यकाल के दौरान इतनी कठिन फैसले लेने के लिए परिस्थितियों से सामना नहीं करना पड़ा होगा -
सर्जिकल स्ट्राइक (2016)
पीएम मोदी ने जब देश की सत्ता संभाली थी, तब शपथ समारोह में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को आमंत्रित किया था और तब ऐसी संभावनाएं जताई जाने लगी थी कि शायद पाकिस्तान के साथ संबंधों में सुधार का नया युग शुरू हो जाएगा, लेकिन 18 सितंबर 2016 को उरी कैंप में सुबह के 5.30 बजे जैश-ए-मोहम्मद के चार आतंकवादियों ने भारतीय सेना के ब्रिगेड हेडक्वार्टर पर हमला कर दिया, जिसमें 18 भारतीय जवान शहीद हो गए।
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उस घटना ने मोदी सरकार का रुख पाकिस्तान के प्रति बदल दिया और बातचीत के सभी रास्ते बंद कर दिए। मोदी सरकार ने 10 दिन बाद ही इसका बदला ले लिया। सरकार के आदेश के बाद 28 व 29 दिसंबर 2016 की रात में भारतीय पैरा कमांडो ने पाक अधिकृत कश्मीर में 3 किमी अंदर घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक करके आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया। अचानक हुए इस हमले में 50 से ज्यादा आतंकवादी मारे गए थे।
नोटबंदी
8 नवंबर 2016 को रात 8 बजे का समय देश का कोई नागरिक शायद ही भूल पाएगा। मोदी सरकार ने कठोर फैसला लेते हुए नोटबंदी का फैसला लागू कर दिया। पीएम नरेंद्र मोदी के इस फैसले से देशभर में हड़कंप मच गया। सरकार ने तत्काल प्रभाव से 500 और 1000 के नोट को चलन से बाहर कर दिया। मोदी सरकार का ये फैसला काले धन को खत्म करने के लिए लिया गया था। PM मोदी के इस फैसले को इतिहास में हमेशा याद रखा जाएगा।
जीएसटी
प्रधानमंत्री मोदी ने 30 जून और 1 जुलाई की मध्य रात्रि को संसद के सेंट्रल हाल में एक समारोह में GST लॉन्च करने का ऐलान किया। प्रधानमंत्री मोदी ने 1 जुलाई 2017 से देशभर में जीएसटी लागू कर दिया। इस व्यवस्था के बाद पूरे देश में ‘एक देश-एक मार्केट-एक टैक्स’ का विचार मूर्त रूप में आ गया। GST लागू होने से सर्विस टैक्स, वैट, क्रय कर, एक्साइज ड्यूटी सहित अन्य टैक्स हमेशा के लिए खत्म हो गए।
बालाकोट एयर स्ट्राइक में फिर पाक चटाई धूल
साल 2016 में पाक अधिकृत कश्मीर में हुई सर्जिकल स्ट्राइक के बाद साल 2019 में पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी। 14 फरवरी 2019 को CRPF के 78 वाहनों का काफिला जम्मू से श्रीनगर जा रहा था, इस काफिले में करीब 2500 जवान थे। तभी एक आतंकी ने पुलवामा में विस्फोटक लेकर जा रहे एक वाहन को टक्कर मार दी थी, जिसमें 40 जवान शहीद हो गए थे। मोदी सरकार ने सख्त फैसला लेते हुए बालाकोट एयर स्ट्राइक करके जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों को ढेर कर दिया था। एयर स्ट्राइक में पाक सीमा क्षेत्र में उतरे भारतीय पायलट अभिनंदन को छोड़ने के लिए पाक को मजबूर होना पड़ा।
आर्टिकल 370
मोदी सरकार ने पाकिस्तान और अंतरराष्ट्रीय बिरादरी की परवाह किए बिना जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 के अधिकांश खंडों को समाप्त कर दिया। 5 अगस्त 2019 को मोदी सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर खंडों को समाप्त कर दिया था, जो जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान करते थे। इस फैसले के बाद जम्मू कश्मीर में देश के वो सभी कानून लागू हो गए, जिन्हें बीते 70 साल तक लागू नहीं किया जा सका था।
CAA-NRC पर कड़ा फैसला
मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA-NRC) के जरिए पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों के लिए भारतीय नागरिकता देने का रास्ता खोलता दिया। इस कानून के तहत 3 पड़ोसी देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से प्रताड़ना के कारण भारत आने वाले वाले लोगों नागरिकता देने का प्रावधान किया गया था। NRC नागरिकों का राष्ट्रीय रजिस्टर है, जो भारत से अवैध घुसपैठियों को निकालने के उद्देश्य से लाया गया।
तीन तलाक
मुस्लिम महिलाओं में तीन तलाक परंपरा के विरोध में कानून बनाने की मांग लंबे समय से की जा रही थी, लेकिन देश में अभी तक की सभी सरकार मुस्लिम तुष्टीकरण के कारण सख्त फैसला नहीं ले रही थी। प्रधानमंत्री मोदी ने 30 जुलाई 2019 में तीन तलाक विधेयक को पारित कर कानून की शक्ल दे दी। इस फैसले के बाद मुस्लिम समाज में तीन तलाक देना अपराध की श्रेणी में आ गया है।
कोरोना संकट में देशव्यापी लॉकडाउन
साल 2019 के आखिरी माह में चीन में कोरोना संकट दस्तक दे चुका था और धीरे-धीरे दुनिया के अन्य देशों में भी संक्रमण फैल रहा था। कोरोना संकट ज्यादा बढ़ने से पहले 24 मार्च 2020 की शाम को को प्रधानमंत्री मोदी ने 21 दिनों के लिए देशव्यापी लॉकडाउन का आदेश जारी किया। प्रधानमंत्री मोदी का ये ऐतिहासिक फैसला इतिहास में दर्ज हो गया और इस सख्त फैसले के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा। 130 करोड़ की आबादी वाले किसी देश को 21 दिनों के लिए घरों में बंद करना बेहद कठिन फैसला था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्थान पर यदि कोई और होता तो शायद इस कठिन फैसले पर हस्ताक्षर करते समय हाथ कांप गए होते। लेकिन पीएम मोदी ने सख्ती से फैसला भी लिया और कोरोना संकट से भी देश को उभारा।
कई बैंकों का विलय
मोदी सरकार ने आर्थिक सुधार की दिशा में चार बड़े बैंकों का विलय करने का फैसला करके सभी को चौंका दिया। ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक का पंजाब नेशनल बैंक में विलय कर दिया और सिंडिकेट बैंक का केनरा बैंक और इलाहाबाद बैंक का इंडियन बैंक में वियन कर दिया गया। सरकार के इस फैसले से मिलाया बढ़ते हुए NPA से राहत मिलने की उम्मीद बढ़ गई।
Posted By: Sandeep Chourey
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