पंजाब में शिक्षा का स्वर्ण युग, सरकारी स्कूलों ने नीट और जेईई में बनाई नई मिसाल
“स्कूल ऑफ एमिनेंस” और सरकारी कोचिंग शिविरों की पहल से यह बदलाव संभव हुआ। 15.49 लाख छात्रों को यूनिफॉर्म और पाठ्यपुस्तकें मुफ्त दी गईं। 2025 में 725 नए शिक्षक नियुक्त किए गए और 10,000 से अधिक संविदा शिक्षकों को नियमित किया गया।
Publish Date: Wed, 29 Oct 2025 05:25:38 PM (IST)
Updated Date: Wed, 29 Oct 2025 05:33:33 PM (IST)
पंजाब में शिक्षा की क्रांति।HighLights
- सरकारी कोचिंग शिविरों की पहल से यह बदलाव संभव हुआ।
- 15.49 लाख छात्रों को यूनिफॉर्म और पाठ्यपुस्तकें मुफ्त दी गईं।
- 10,000 से अधिक संविदा शिक्षकों को नियमित किया गया।
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस के नेतृत्व में पंजाब ने शिक्षा क्षेत्र में ऐतिहासिक छलांग लगाई। राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण 2024 में राज्य ने देशभर में पहला स्थान प्राप्त किया।
कक्षा 3, 6 और 9 के छात्रों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन कर दिखाया। सरकारी स्कूल अब गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का प्रतीक बन चुके हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं में भी छात्रों ने सफलता दर्ज की: 845 ने नीट, 265 ने जेईई मेन्स, 44 ने जेईई एडवांस्ड पास किया।
“स्कूल ऑफ एमिनेंस” और सरकारी कोचिंग शिविरों की पहल से यह बदलाव संभव हुआ। 15.49 लाख छात्रों को यूनिफॉर्म और पाठ्यपुस्तकें मुफ्त दी गईं। 2025 में 725 नए शिक्षक नियुक्त किए गए और 10,000 से अधिक संविदा शिक्षकों को नियमित किया गया।
अब सरकारी स्कूल प्रणाली निजी स्कूलों के समकक्ष बन चुकी है। शिक्षा सुधारों ने यह साबित किया कि सरकारी स्कूलों में पढ़ना अब गर्व की बात है।