
डिजिटल डेस्क। बिहार विधानसभा चुनाव में मंगलवार को अंतिम चरण के मतदान के बाद अब सभी की नजरें 14 नवंबर को होने वाली मतगणना पर है। इस दिन तय हो जाएगा कि बिहार में अगले पांच साल कौन सरकार चलाएगा। शुक्रवार को बिहार विधानसभा चुनाव के साथ-साथ छह राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश की आठ विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे भी आएंगे।
इन सीटों में जम्मू-कश्मीर की बडगाम और नगरोटा, राजस्थान की अंता, झारखंड की घाटशिला, तेलंगाना की जुबली हिल्स, पंजाब की तरनतारन, मिजोरम की डम्पा और ओडिशा की नुआपाड़ा शामिल हैं। इन आठ निर्वाचन क्षेत्रों में उपचुनाव के नतीजे के लिए मतों की गिनती सुबह 8 बजे शुरू होगी। आइए जानते हैं कि किन-किन सीटों पर उपचुनाव हुए हैं।
इस साल जून में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) विधायक मगंती गोपीनाथ के निधन के बाद जुबली हिल्स विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुआ था। इस चुनाव में बीआरएस ने गोपीनाथ की विधवा मगंती सुनीता को उम्मीदवार बनाया है, जबकि कांग्रेस ने नवीन यादव को मैदान में उतारा है। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम कांग्रेस उम्मीदवार का समर्थन कर रही है।
नुआपाड़ा विधानसभा सीट पर उपचुनाव बीजू जनता दल (बीजद) के विधायक और पूर्व मंत्री राजेंद्र ढोलकिया के निधन के बाद हुआ था। ढोलकिया के बेटे जय इस सीट से भाजपा का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, जबकि बीजद ने अपनी महिला शाखा की प्रमुख स्नेहांगिनी छुरिया को मैदान में उतारा है। कांग्रेस ने वरिष्ठ आदिवासी नेता घासीराम माझी को अपना उम्मीदवार बनाया है।
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बडगाम विधानसभा सीट पर उपचुनाव मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के इस निर्वाचन क्षेत्र से इस्तीफे के बाद से जरूरी हो गया था। 2024 के विधानसभा चुनावों में बडगाम और गांदरबल दोनों सीटों से जीतने वाले अब्दुल्ला ने गांदरबल सीट बरकरार रखने का फैसला किया, जिसके कारण बडगाम में उपचुनाव हुआ। इस निर्वाचन क्षेत्र में नेशनल कॉन्फ्रेंस के उम्मीदवार आगा महमूद, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के आगा सैयद मुंतजिर और भाजपा के सैयद मोहसिन के बीच त्रिकोणीय मुकाबला था।
पिछले साल भाजपा विधायक देवेंद्र सिंह राणा के निधन के बाद नगरोटा में उपचुनाव हुआ था। इस उपचुनाव में कुल 13 उम्मीदवार मैदान में हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस ने जिला विकास परिषद (डीडीसी) की वर्तमान सदस्य शमीम बेगम को मैदान में उतारा है, जबकि भाजपा ने देवेंद्र सिंह राणा की बेटी देवयानी राणा को उम्मीदवार बनाया है। जम्मू-कश्मीर नेशनल पैंथर्स पार्टी ने अपने अध्यक्ष हर्ष देव सिंह को उम्मीदवार बनाया है।
भाजपा विधायक कंवर लाल मीणा को अयोग्य ठहराए जाने के बाद अंता में उपचुनाव हो रहा है। इस सीट पर कांग्रेस के प्रमोद जैन और भाजपा के मोरपाल सुमन के बीच कड़ा मुकाबला होने की उम्मीद है। कांग्रेस के बागी नरेश मीणा भी निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में हैं।
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एमएनएफ विधायक लालरिन्टलुआंगा सैलो के निधन के बाद डम्पा में उपचुनाव हुआ। राज्य उपाध्यक्ष और पूर्व मंत्री जॉन रोटलुआंगलियाना कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा ने लालमिंगथांगा को जबकि ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) ने वनलालसैलोवा को मैदान में उतारा है। मिज़ो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) का प्रतिनिधित्व उसके उपाध्यक्ष और पूर्व मंत्री आर लालथंगलियाना ने किया।
इस साल जून में मौजूदा आप विधायक कश्मीर सिंह सोहल की मृत्यु के बाद तरनतारन उपचुनाव जरूरी हो गया था। आम आदमी पार्टी (आप) ने हरमीत सिंह संधू को मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस ने करणबीर सिंह बुर्ज को उम्मीदवार बनाया है। सुखविंदर कौर रंधावा शिरोमणि अकाली दल (SAD) के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रही हैं, जबकि भाजपा ने हरजीत सिंह संधू को मैदान में उतारा है।
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घाटशिला में उपचुनाव झामुमो विधायक और राज्य मंत्री रामदास सोरेन के अगस्त में निधन के बाद कराया गया था। 2024 के विधानसभा चुनाव में रामदास सोरेन ने भाजपा विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के बेटे बाबूलाल सोरेन को हराया था। इस बार एनडीए ने बाबूलाल सोरेन को मैदान में उतारा है, जबकि रामदास मुर्मू झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (जेएलकेएम) के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं। झामुमो ने पूर्व मंत्री स्वर्गीय रामदास सोरेन के बेटे सोमेश सोरेन को मैदान में उतारा है।