Bihar Floods पूरे देश में भले ही जुलाई का महीना कम बारिश के साथ गुजरा हो लेकिन बिहार के लिए तो पूरे महीने बाढ़ तबाही लेकर आती रही जो अब भी जारी है। राज्य में लगातार बारिश के कारण कई जिले अब भी बाढ़ के पानी में डूबे हुए हैं और इस बीच शुक्रवार को कई जगह हुई मूसलाधार बारिश के कारण हालात औह बिगड़ गए हैं। शुक्रवार को हुई बारिश के कारण नदियां उफान पर हैं। इनमें कोसी-बागमती और बूढ़ी गंडक खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जबकि गंगा खतरे के निशान के आसपास है। कई जिले के बाढ़ प्रवण क्षेत्र में स्थिति भयावह होती जा रही है। कई जगहों पर कोसी-बागमती, बूढ़ी गंडक और गंगा बांध-तटबंधों से सटकर बह रही है।
Bihar: Water enters in the low lying areas of Muzaffarpur following rise in the water level of Burhi Gandak River. pic.twitter.com/7HKQVntNFO
— ANI (@ANI) August 1, 2020
शुक्रवार को बाढ़ के पानी में डूबने से गोपालगंज में आठ, सारण में छह और उत्तर बिहार में 22 लोगों की मौत हो गई। वहीं, वज्रपात से मधुबनी के लदनियां में दंपती सहित औरंगाबाद जिले के नवीनगर प्रखंड क्षेत्र के माड़र गांव में छह मजदूरों की मौत हो गई है।
कोसी खगड़िया के बलतारा में खतरे के निशान से एक मीटर दो सेमी ऊपर बह रही है। बीते 24 घंटे में 12 सेमी बढ़ी है। संकेत कोसी के बढ़ने की है। खगड़िया में बागमती नदी भी उफान पर है।दरभंगा जिले के केवटी प्रखंड के करजापट्टी गांव के पास बागमती नदी का जमींदारी बांध टूट गया। इससे दर्जनों गांवों में पानी फैल गया है।
पश्चिम चंपारण में गंडक के कटाव से पीपी तटबंध का स्लोप नदी में बह गया। पूर्वी चंपारण में बागमती, लालबेकया ने अपनी उपधारा बना ली है। इससे खतरा बढ़ गया है। मधुबनी जिले के झंझारपुर में कमला बलान खतरे के निशान से ऊपर है। बेनीपट्टी और मधवापुर में धौस नदी का पानी गांवों में फैल रहा है। समस्तीपुर शहर में बांध से सटे इलाके में पानी फैलने से परेशानी है। समस्तीपुर -मुक्तापुर स्टेशन के बीच रेलवे पुल संख्या एक के पास बना रिग बांध प्रशासनिक तत्परता से बच गया। सीतामढ़ी शहर के कई मोहल्ले बारिश के पानी से घिरे हैं। शिवहर में बागमती का कटाव जारी है। मुजफ्फरपुर के मोतीपुर में बूढ़ी गंडक के तटबंध को टूटने से बचा लिया गया।
Posted By: Ajay Kumar Barve
नईदुनिया ई-पेपर पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करे
नईदुनिया ई-पेपर पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करे