Health Ministry Guidelines: देश में कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने व्यस्कों में इसके इलाज के लिए संशोधित दिशानिर्देश जारी किए हैं। इस दिशानिर्देश के मुताबिक एंटीबायोटिक्स का उपयोग तब तक नहीं किया जाना चाहिए जब तक कि इसके बैक्टीरियल इन्फेक्शन होने का भरोसा ना हो। साथ ही इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि कोविड -19 के साथ ही अन्य वायरल इंफेक्शन ना हुआ हो। नये गाइडलाइन्स में साफ कहा गया है कि हल्के लक्षणों में मरीज को कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स नहीं दिया जाना चाहिए।
कैसे करें बचाव?
संशोधित Covid-19 दिशानिर्देशों के अनुसार, लोगों को शारीरिक दूरी, इनडोर मास्क का उपयोग, हाथ की स्वच्छता, तापमान और ऑक्सीजन संतृप्ति की निगरानी आदि का ख्याल रखना चाहिए। वहीं स्थिति गंभीर होने पर फौरन चिकित्सक की सलाह लें। खास तौर पर सांस लेने में कठिनाई, ज्यादा बुखार, गंभीर खांसी या जो 5 दिनों से अधिक समय तक रहे. तो तत्काल चिकित्सक की सलाह लें। साथ ही इसकी गंभीरता को समझते हुए ऐसे मामलों में किसी तरह का जोखिम ना लें। इसमें डॉक्टरों को सलाह दी गई है कि ज्यादा बुखार या गंभीर लक्षण दिखने पर 5 दिनों कर रेमेडिसविर ( पहले दिन 200 मिलीग्राम IV और उसके बाद अगले 4 दिनों के लिए 100 मिलीग्राम IV OD) देने पर विचार करें।
बढ़ रहे हैं मामले
पिछले कुछ महीनों से भारत ने कोविड-19 मामले लगभग खत्म हो गये थे। लेकिन पिछले कुछ हफ्तों में, देश के कुछ हिस्सों में काफी बढ़ोतरी देखी गई है। 8 मार्च, 2023 को समाप्त सप्ताह में कुल 2,082 मामले दर्ज किए गए, जो 15 मार्च को समाप्त सप्ताह में बढ़कर 3,264 मामले हो गए। ऐसे राज्य जहां से संक्रमण के ज्यादा मामले आ रहे हैं, उन्हें कोविड-19 के प्रसार वाले इलाकों पर विशेष ध्यान देने की जरुरत है, ताकि वो बाकी इलाकों में ना फैले।
उदाहरण के लिए गुजरात में 8 मार्च, 2023 को खत्म हुए सप्ताह में कोरोना के मामले 105 से बढ़कर 15 मार्च को समाप्त सप्ताह में 279 तक की पहुंच गये। इस तरह राज्य ने 1.11 प्रतिशत की संक्रमण दर दर्ज की है, जो देश की तुलना में अधिक है। इस अवधि में भारत की पॉजिटिविटी रेट 0.61 प्रतिशत है।
Posted By: Shailendra Kumar
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