
डिजिटल डेस्क। दिल्ली-NCR में शुक्रवार को प्रदूषण के स्तर में थोड़ी राहत देखने को मिली है। दिल्ली का औसत (Delhi AQI Today) एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 200 से नीचे दर्ज किया गया, जबकि गुरुवार को
राजधानी की हवा ‘गंभीर’ श्रेणी के करीब पहुंच गई थी। गुरुवार को दिल्ली का AQI 373 रिकॉर्ड किया गया था। प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए फिलहाल दिल्ली-NCR में ग्रेप-2 की पाबंदियां लागू हैं।
नई दिल्ली - 186 (मध्यम)
आनंद विहार - 178 (मध्यम)
दिल्ली कैंट - 189 (मध्यम)
गाजियाबाद - 193 (मध्यम)
ग्रेटर नोएडा - 190 (मध्यम)
नोएडा - 173 (मध्यम)
गुरुग्राम - 209 (खराब)
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, इस साल अक्टूबर महीना पिछले पांच वर्षों में दूसरा सबसे प्रदूषित रहा। 74 प्रतिशत अधिक वर्षा होने के बावजूद इस महीने एक भी दिन ‘अच्छी’ श्रेणी की हवा दर्ज नहीं की गई।
अक्टूबर में चार दिन ‘संतोषजनक’, नौ दिन ‘मध्यम’, नौ दिन ‘खराब’ और आठ दिन ‘बहुत खराब’ श्रेणी में हवा दर्ज हुई। महीने का औसत AQI 224 रहा, जो 2021 के बाद दूसरा सबसे अधिक है।
CPCB के पूर्व अपर निदेशक डॉ. दीपांकर साहा के अनुसार, 'दिल्ली के प्रदूषण की सबसे बड़ी दवा बारिश और तेज हवा है। इस साल अक्टूबर में शुरुआत में थोड़ी बारिश हुई, लेकिन बाद में हवा की रफ्तार कम होने से प्रदूषक फैल नहीं सके।'
वायु गुणवत्ता प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली (SAFAR) की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली का वायु-संचार सूचकांक, जो वायुमंडल में प्रदूषकों को फैलाने की क्षमता को मापता है, सामान्य स्तर 6,000 वर्गमीटर/सेकंड से नीचे बना हुआ है।
10 किमी प्रति घंटे से कम की हवा और अधिक नमी ने प्रदूषकों को फैलने से रोका, जिससे आकाश धुंधला हो गया। सुबह 7:30 बजे पालम में दृश्यता 1,000 मीटर और सफदरजंग में 800 मीटर दर्ज की गई।