EPF contributions: केंद्र सरकार कंपनियों को यह सुविधा देने पर विचार कर रही हैं कि वे Employees’ Provident Fund (EPF) यानी कर्मचारी भविष्य निधि में अपने हिस्से की राशि देरी से जमा करे या किस्त में जमा कर सकें। साथ ही सरकार की कोशिश है कि अधिक से अधिक कंपनियां EPF subsidy scheme का फायदा उठाएं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनियों के साथ हुई बैठक में Employees’ Provident Fund Organisation (EPFO) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुनिल बर्थवाल ने यह बात कही। भरोसा दिलाया गया है कि जो कंपनियां इस सुविधा का लाभ उठाएंगे, उन्हें किसी तरह का नुकसान नहीं होने दिया जाएगा।
EPFO का सुझाव, ताकि हाथ में आएं ज्यादा सेलरी
इस बैठक में EPFO की ओर से कंपनियों को सुझाव दिया गया कि यदि कंपनियां अपने कर्मचारियों से बात करके उनके साथ हुए करार में बदलाव कर सकती हैं, तो कंपनियों को यह छूट होगी कि वे 15,000 रुपए तक के वेतन वाले कर्मचारियों की बेसिक सेलरी से ही EPF काटे, चाहे बेसिक पे इससे ज्यादा हो। इससे कंपनियों को तो फायदा होगा कि कर्मचारियों को भी ज्यादा सेलरी हाथ में मिलेगी। कंपनियों ने EPFO के इस सुझाव की तारीफ की है, क्योंकि लॉकडाउन के बाद से उन्हें नकदी की परेशानी से जुझना पड़ रहा है।
EPF देरी से या किस्त में भरने के लिए क्या करना होगा
EPFO CEO ने कंपनियों से कहा है कि यदि उन्हें लगता है कि उनके पास पूरा पैसा नहीं है, तो वे ECR (electronic-cum-challan) फॉर्म भरकर बाद में भी भुगतान कर सकती हैं। ऐसा होने पर कंपनियों पर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी, ना ही उनका कुछ होने दिया जाएगा। यह राशि 30-30 फीसदी की किस्त में भी जमा की जा सकती है। EPFO ने यहां तक कहा है कि किस्त की यह सुविधा कंपनी के हिसाब से भी दी जा सकती है।
EPFO का मानना है कि इससे कंपनियों पर अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा और लॉकडाउन के बाद उन्हें आर्थिक रूप से संभलने का मौका मिल जाएगा। हालांकि यह बैठक में हुई चर्चा की जानकारी है। आखिरी फैसला सरकार लेगी।
Posted By: Arvind Dubey
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