Parliament Session : राज्यसभा से 12 विपक्षी सांसदों को पूरे सत्र के लिए निलंबित किये जाने के फैसले पर फिर से विचार हो सकता है। सरकारी सूत्रों ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि जिन राज्यसभा सांसदों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, उन्होंने नियमों के मुताबिक माफी मांग ली, तो भविष्य के संबंध में इसपर विचार किया जा सकता है। मिली जानकारी के मुताबिक राज्यसभा के निलंबित सांसद इस मुद्दे पर मंगलवार को सदन के सभापति एम. वेंकैया नायडू (M Venkaiah Naidu) से मिल सकते हैं। उधर, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी बयान दिया है कि हमने पहले भी उनसे सदन से माफी मांगने और ऐसा आचरण दुबारा नहीं करने का वादा करने का आग्रह किया था, लेकिन वो नहीं माने। हमने उनसे कहा था कि अगर वो माफी मांग लें, तो इस मुद्दे को यहीं खत्म किया जा सकता है। लेकिन उन्होंने साफ इंकार कर दिया, ऐसे में सदन की गरिमा बनाये रखने के लिए कठोर कदम उठाना जरुरी था।
Piyush Goyal & I repeatedly requested them that we're ready to close this chapter if they express regret & say this won't happen again in front of the chamber, but they still denied it. We didn't want this, but keeping the chamber's dignity, we had no other options: Pralhad Joshi pic.twitter.com/WZghu6mLe1
— ANI (@ANI) November 29, 2021
क्या था पूरा मामला?
आपको बता दें कि संसद के मानसून सत्र के अंतिम दिन यानी 11 अगस्त को उच्च सदन राज्यसभा में विपक्ष ने जमकर हंगामा किया था। विपक्षी सांसदों का आरोप था कि उन पर उन मार्शलों ने हमला किया जो संसद की सुरक्षा का हिस्सा भी नहीं थे। जबकि हंगामे पर सरकार की रिपोर्ट में कहा गया है कि एक पुरुष मार्शल को सीपीएम सांसद एलमारन करीम ने जबकि राज्यसभा की एक महिला मार्शल पर छाया वर्मा और कांग्रेस सांसद फूलो देवी नेताम ने हमला किया था। इनके निलंबन नोटिस में कहा गया कि सांसदों ने 11 अगस्त को मानसून सत्र के आखिरी दिन अपने हिंसक व्यवहार से और सुरक्षाकर्मियों पर जानबूझकर किए गए हमलों से सदन की गरिमा को ठेस पहुंचाने का प्रयास किया।
Posted By: Shailendra Kumar