शत्रुघ्न शर्मा, अहमदाबाद। गुजरात में कोरोना संक्रमण के केस बढते हैं तो भाजपा व कांग्रेस कार्यकर्ताओं को सजा के तौर पर समाजसेवा करनी पड़ सकती है। उच्च न्यायालय ने गुजरात सरकार को भी चेताया है कि चुनावी रैली, सभा व विजयोत्सव के दौरान पार्टी कार्यकर्ता बिना मास्क व शारीरिक दूरी के बिना नजर आ रहे हैं जिससे महामारी और फैल सकती है। गुजरात में कोरोना महामारी की स्थिति को देखते हुए उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश विक्रमनाथ तथा न्यायाधीश जेबी पारडीवाला ने स्वत: संज्ञान लेते हुए सरकार के महाधिवक्ता कमल त्रिवेदी से दो टूक कहा कि राज्य में कोरोना के केस बढ़ते हैं तो पार्टी कार्यकर्ताओं को सजा के तौर पर अस्पताल, सामुदायिक केंद्रों, क्लिनिक, कोविड सेंटर आदि में समाजसेवा के लिए पंजीक्रत किया जाएगा।
महाधिवक्ता त्रिवेदी ने मुख्य न्यायाधीश की सलाह का स्वागत करते हुए कहा कि अदालत का संदेश वे सरकार तक पहुंचा देंगे। न्यायाधीश पारडीवाला ने कहा कि राजनैतिक सम्मेलनों में कार्यकर्ता मासक बिना तथा शारीरिक दूरी के नियमों की अवहेलना कर रहे हैं ऐसे वीडियो में साफ देखे जा सकते हैं। इस मामलेमें सुनवाई अब 6 सप्ताह बाद होगी।
जिंदगी की कीमत पर व्यापार नहीं
उच्च न्यायालय ने अगस्त 2020 में अहमदाबाद के श्रेय अस्पताल के कोविड सेंटर के आईसीयू में लगी आग के चलते 8 लोगों की मौत की घटना पर सुनवाई करते हुए कहा है कि असप्ताल प्रबंधक महानगर पालिका के अधिकारियों को प्रभाव में लेने का प्रयास नहीं करें। आवासीय निर्माण की मंजूरी लेकर अस्पताल का निर्माण किया गया है तथा उसमें भी फायर सेफ्टी के कोई उपाय नहीं किए गए हैं।
Posted By: Sandeep Chourey
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