मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की पहल से पंजाब की सिंचाई व्यवस्था में बड़ा बदलाव आया है। राज्य में अब 84% खेतों में नहरी पानी उपलब्ध है, जबकि पहले यह केवल 68% था।
यह उपलब्धि एकीकृत प्रांतीय जल योजना के तहत लागू 14-सूत्री कार्यक्रम का परिणाम है। अब तक 15,914 जल मार्ग बहाल किए गए और 916 नहरों और मिनर्स में पानी बहने लगा।
35–40 वर्षों से सूखे पड़े इलाकों में नहर जल पहुंचने से किसानों की उपज और जीवन स्तर में सुधार हुआ है। राज्य सरकार ने 2,400 किमी भूमिगत पाइपलाइन बिछाई, जिससे 30,282 हेक्टेयर भूमि को सिंचाई सुविधा मिली।
किसानों को समूह स्तर पर 90% और व्यक्तिगत स्तर पर 50% सब्सिडी दी जा रही है। साथ ही, 6,000 हेक्टेयर क्षेत्र में ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणाली लागू की गई।
पानी संरक्षण के लिए 28 परियोजनाओं के तहत 300 मिलियन लीटर प्रतिदिन ट्रीटेड वॉटर खेतों तक पहुंचाया जा रहा है। 160 जल संचयन संरचनाएं और 125 गांवों में सोलर लिफ्ट सिंचाई योजना भी शुरू की गई।
मुख्यमंत्री मान ने कहा, “यह केवल जल प्रबंधन नहीं, बल्कि हर खेत तक पानी पहुंचाने का विज़न है।” पंजाब अब सिंचाई और टिकाऊ कृषि का मॉडल राज्य बन चुका है।