New Parliament Building: नए संसद भवन के उद्धाटन को लेकर चल रहे राजनीतिक गतिरोध के बीच डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (DPAP) चीफ गुलाम नबी आजाद ने केंद्र सरकार के कदम की सराहना की है। उन्होंने कहा कि जहां तक नया संसद भवन बनाने की बात है तो यह नई बात नहीं है। यह 32 साल पहले कांग्रेस की ही सोच थी। सरकार कोई भी होती तो उसे संसद भवन बनाना ही पड़ता। उन्होंने कहा कि नए भवन का निर्माण जरूरी था और यह अच्छा है कि अब यह बन गया है। देखिये वीडियो -

जरूरी था नया संसद भवन

उन्होंने बुधवार को बताया कि आज से 32 साल पहले जब नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री थे और वो संसदीय कार्य मंत्री, तब शिवराज पाटिल ने कहा था कि 2026 से पहले नया और बड़ा संसद भवन बनना चाहिए, क्योंकि 2026 तक सांसदों की संख्या बढ़ाने पर रोक लगा है। लेकिन उसके बाद जब सांसदों की संख्या बढ़ेगी, तो उनके बैठने की व्यवस्था करनी होगी।

बहिष्कार पर टिप्पणी नहीं

वैसे गुलाम नबी आजाद ने विपक्षी दलों के बहिष्कार पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि अब कोई इसका बहिष्कार करता है या उद्घाटन समारोह में नहीं जाता है तो इस पर उन्हें कोई टिप्पणी नहीं करनी है। लेकिन संसद भवन का बनना जरुरी था। आपको बता दें कि 19 विपक्षी दल नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह कार्यक्रम का बहिष्कार करने की घोषणा कर चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को दोपहर 12 बजे नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे। उद्घाटन के अवसर पर प्रधानमंत्री संसद भवन के निर्माण में योगदान देने वाले 60,000 श्रमिकों को सम्मानित भी करेंगे।

Posted By: Shailendra Kumar

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