
पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की खेल नीति ने युवाओं में नई ऊर्जा भर दी है। ‘खेडां वतन पंजाब दियां’ अभियान ने खेलों को जन-आंदोलन का रूप दिया और नशे की प्रवृत्ति से दूर करके मैदान की ओर लौटाया।
तीन सीजन पूरे कर चुके इस आयोजन में हजारों युवा शामिल हुए। सरकार ने एशियन और नेशनल गेम्स में शानदार प्रदर्शन करने वाले 168 खिलाड़ियों को 33.83 करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि प्रदान की। स्वर्ण पदक विजेताओं को 1 करोड़, रजत पदक विजेताओं को 75 लाख और कांस्य विजेताओं को 50 लाख रुपये तक पुरस्कार मिला।
पेरिस ओलंपिक में 19 पंजाबियों ने भारत का प्रतिनिधित्व किया, जिसमें 10 हॉकी खिलाड़ी शामिल थे। कांस्य पदक विजेताओं को 1-1 करोड़ और रिजर्व खिलाड़ियों को 15 लाख रुपये दी गई। पैरालंपिक की तैयारी कर रहे 22 खिलाड़ियों को 15-15 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि दी गई।
सरकार ने खेल प्रतिभाओं को करियर से जोड़ने के लिए 7 खिलाड़ियों को डीएसपी और 4 को पीसीएस पद पर नियुक्त किया। राज्य में 13,000 आधुनिक स्टेडियमों का निर्माण चल रहा है, जिसमें 3,083 पर काम प्रगति पर है।
मुख्यमंत्री मान ने कहा, “पंजाब खेल प्रतिभाओं की धरती है। हमारी नीति का उद्देश्य हर युवा को मैदान में नई उड़ान देना है।”
यह पहल न केवल खेलों को बढ़ावा दे रही है, बल्कि युवाओं में सकारात्मक सोच, आत्मविश्वास और देशभक्ति की भावना पैदा कर रही है। पंजाब अब खेलों में सफलता और आत्मगौरव का मॉडल बन गया है।