SC Verdict on Demonetisation: केंद्र में सत्ता में आने के बाद नरेंद्र मोदी सरकार ने साल 2016 में नोटबंदी का ऐलान किया था। इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की गई थीं। ताजा खबर यह है कि सुप्रीम कोर्ट ने सभी याचिकाओं को खारिज करते हुए फैसले को सही करार दिया है। यह मोदी सरकार के लिए बड़ी जीत है, जबकि विपक्ष को करार झटका लगा है। सर्वोच्च अदालत की जस्टिस एस अब्दुल नजीर की अध्यक्षता वाली 5 जजों की पीठ ने बहुमत के आधा पर यह फैसला सुनाया। पांच में चार जजों ने फैसले को सही करार दिया।

7 सितंबर को पिछली सुनवाई हुई थी, जिसमें केंद्र सरकार, रिजर्व बैंक (RBI) और याचिकाकर्ताओं की दलीलों को विस्तार से सुनने के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया था। नोटबंद के अपने फैसले में सरकार ने 500 रुपए और 1000 रुपए के नोट तत्काल प्रभाव से बंद कर दिए थे। इसके बाद पुराने नोट जमा करने के लिए पूरा देश लाइन में लग गया था। आरोप है कि इस दौरान कई लोगों की मौत भी हुई। नोटबंदी के खिलाफ कुल 58 याचिकाएं दायर की गई थीं।

Live Supreme Court Verdict on 2016 Demonetisation: पढ़िए अपडेट

सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने कहा कि फैसले को सिर्फ इसलिए गलत नहीं ठहराया जा सकता क्योंकि केंद्र ने इसे शुरू किया था। आनुपातिकता के आधार पर विमुद्रीकरण (नोटबंद) की कवायद को रद्द नहीं किया जा सकता है।

सुप्रीम कोर्ट ने हालांकि इस पर कोई टिप्पणी नहीं कि नोटबंदी का उद्देश्य कितना हासिल हुआ। कांग्रेस और उसके नेता राहुल गांधी नोटबंदी के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं। राहुल गांधी ने तो इसे आजाद भारत का सबसे बड़ा घोटाला कर दिया था।

सुनवाई के दौरान सरकार ने अपने हलफनामे में कहा था कि नोटबंदी का निर्णय सोच-विचार के बाद लिया गया था और आरबीआई के साथ परामर्श के बाद इसकी प्रक्रिया फरवरी 2016 में शुरू हुई थी। वहीं आरबीआई ने भी सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उचित प्रक्रिया का पालन किया गया था।

Posted By: Arvind Dubey

देश
देश