
डिजिटल डेस्क। महाराष्ट्र सरकार ने साफ कर दिया है कि रोहित आर्या के 2.4 करोड़ रुपये के दावे झूठे हैं। सरकार ने कहा कि आर्या की कंपनी को 'लेट्स चेंज' नामक शहरी सफाई अभियान में चुना गया था, लेकिन उनके दस्तावेज अधूरे थे और उन्होंने अवैध रूप से स्कूलों से फीस वसूली थी। इसी कारण यह योजना रद्द कर दी गई।
रोहित आर्या ने दावा किया था कि सरकार ने उनके शहरी स्वच्छता प्रोजेक्ट के तहत किए गए काम का 2.4 करोड़ रुपये का भुगतान रोक रखा है। इस रकम की मांग को लेकर उसने फर्जी ऑडिशन के नाम पर 17 बच्चों को बंधक बना लिया था। इससे पहले उसने एक वीडियो जारी कर अपनी मांगों का जिक्र किया था, लेकिन उसमें कोई ठोस जानकारी नहीं दी गई थी।
शिक्षा विभाग ने बयान जारी करते हुए बताया कि आर्या और उसकी कंपनी अप्सरा मीडिया को साल 2022 और 2023 में 'लेट्स चेंज' अभियान के तहत काम सौंपा गया था। इस अभियान में करीब 59 लाख छात्रों को स्वच्छता मॉनिटर के रूप में जोड़ा गया था।
सरकार ने बताया कि इस योजना के पहले चरण में 9.9 लाख रुपये जारी किए गए थे, जबकि दूसरे चरण के लिए 20.63 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए थे। इसमें 2 करोड़ रुपये “स्वच्छता मॉनिटर” पहल के लिए तय किए गए थे।
लेकिन विभाग की जांच में पाया गया कि आर्या द्वारा जमा किए गए डॉक्यूमेंट अधूरे थे और विज्ञापन, तकनीकी सहायता, मैनपावर और उनकी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग पर किए गए खर्चों को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया गया था। इन गड़बड़ियों की वजह से योजना को लागू नहीं किया गया।
सरकार ने बताया कि आर्या बिना अनुमति के स्कूलों से रजिस्ट्रेशन फीस वसूल रहा था। अगस्त 2023 में उसे सभी पैसे सरकारी खाते में जमा करने का आदेश दिया गया था और कहा गया था कि जब तक वह राशि जमा नहीं करता, उसका प्रोजेक्ट आगे नहीं बढ़ेगा। लेकिन आर्या ने न तो पैसे लौटाए और न ही कोई शपथ पत्र जमा किया। इसके बाद यह योजना रद्द कर दी गई।