Nagaland Firing : पूर्वोत्तर राज्य नगालैंड के मोन जिले में शनिवार शाम को सुरक्षाबलों की फायरिंग में मरनेवालों की संख्या बढ़कर 13 पहुंच गई है। इस घटना के बाद से ही इलाके में भारी तनाव है। प्रशासन ने अफवाहों को रोकने के लिए मोबाइल इंटरनेट सेवाएं और बल्क मैसेजिंग सेवाएं भी बंद कर दी हैं। उधर, इस घटना के बाद से स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश दिख रहा है। रविवार को प्रदर्शनकारियों ने असम रायफल्स के कैंप का घेराव किया। कई युवक कैंप के अंदर घुस गए और वहां आग लगाने की कोशिश की। उधर, भारतीय सेना ने मोन जिले में उग्रवाद रोधी अभियान के दौरान कई आम लोगों की मौत होने के मामले की ‘कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी’ का आदेश दिया है और इस घटना पर गहरा खेद जताया। स्थानीय पुलिस भी मामले की जांच कर रही है कि क्या यह घटना गलत पहचान का मामला था।
To control law&order in Mon district following the incident,"Mobile internet/data services/ bulk SMS of all providers in the entire area of Mon district prohibited with immediate effect until further notice," Nagaland Home Commissioner Abhijit Sinha said in an order (dated Dec 4)
— ANI (@ANI) December 5, 2021
नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो के अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस घटना पर दुख व्यक्त किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि राज्य सरकार द्वारा गठित उच्च स्तरीय एसआईटी इस घटना की गहन जांच करेगी ताकि पीड़ित परिवारों को न्याय सुनिश्चित किया जा सके।
क्या था मामला?
पुलिस के मुताबिक ये घटना ओटिंग और तिरु गांवों के बीच हुई, जब कुछ दिहाड़ी मजदूर शनिवार शाम कोयला खदान से पिकअप वैन में घर लौट रहे थे। इसी दौरान प्रतिबंधित संगठन NSCN (K) के युंग आंग गुट के उग्रवादियों की गतिविधियों के बारे में सूचना के आधार पर इलाके में अभियान चला रहे सैन्य कर्मियों ने वाहन पर कथित तौर पर गोलीबारी की। इस फायरिंग में 11 लोगों की मौत हो गई। इसके बाद गुस्साई भीड़ ने सेना के वाहनों को मौके पर ही घेर लिया और कम से कम तीन वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। सेना के मुताबिक भीड़ के हमले में उसका एक जवान शहीद हो गया और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। आपको बता दें कि मोन, म्यांमार के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा साझा करता है, जहां एनएससीएन (के) का युंग आंग गुट आधारित है।
सेना का जवाब
सेना के 3 कोर के मुख्यालय की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया कि विद्रोहियों के संभावित आंदोलन की विश्वसनीय खुफिया जानकारी के आधार पर नगालैंड के तिरु और मोन जिले के क्षेत्र में एक विशिष्ट ऑपरेशन आयोजित करने की योजना बनाई गई थी। इस घटना और उसके बाद के लिए गहरा खेद है। मामले में उच्चतम स्तर पर और कानून के अनुसार उचित कार्रवाई की जाएगी। सेना की ओर से ‘कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी’ के जरिए इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के कारणों की उच्चतम स्तर पर जांच की जा रही है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे को घटना की जानकारी दी गई है। सैन्य अधिकारियों ने बताया कि म्यांमार की सीमा से लगने वाले मोन जिले में उग्रवादियों की संभावित गतिविधियों की विश्वसनीय खुफिया जानकारी के आधार पर अभियान चलाया गया था।
मुख्यमंत्री ने की शांति बनाये रखने की अपील
नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने इस घटना को ‘अत्यंत निंदनीय’ करार दिया। उन्होंने कहा कि मोन के ओटिंग में आम लोगों की मौत की दुर्भाग्यपूर्ण घटना अत्यंत निंदनीय है। मैं शोकसंतप्त परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करता हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। मामले की एसआईटी (विशेष जांच दल) से उच्चस्तरीय जांच कराई जाएगी और कानून के अनुसार न्याय किया जाएगा। मैं सभी वर्गों से शांति बनाए रखने का आग्रह करता हूं। उन्होंने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है।
Posted By: Shailendra Kumar
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