Navjot Singh Sidhu Surrender: 1988 के रोड रेज केस में सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व क्रिकेटर और कांग्रेस नेता नवजोत सिह सिद्धू को एक साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। ताजा खबर यह है कि सिद्धू ने पटियाला के चीफ मजिस्ट्रेट के सामने सरेंडर कर दिया है। हालांकि इससे पहले उन्होंने बचने की कोशिश की और सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर सरेंडर करने के लिए कुछ हफ्तों की मोहलत मांगी की, लेकिन राहत नहीं मिली। सिद्धू के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कुछ 'चिकित्सीय स्थितियों' का हवाला देते हुए अपने मुवक्किल को आत्मसमर्पण करने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा था। सुप्रीम कोर्ट ने सिंघवी को एक उचित आवेदन पेश करने और CJI बेंच के समक्ष इसका उल्लेख करने के लिए कहा था, लेकिन CJI ने इसका मौका नहीं दिया। इसका मतलब यह है कि सिद्धू को आज सरेंडर करना होगा, नहीं होत उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
#WATCH | 1988 road rage case: Congress leader Navjot Singh Sidhu reaches Patiala Court in Punjab.
Supreme Court had yesterday imposed one-year rigorous imprisonment on him in the three-decade-old road rage case. pic.twitter.com/iHu3bmbOls
— ANI (@ANI) May 20, 2022
जानिए क्या है सिद्धू का पूरा मामला
सुप्रीम कोर्ट ने 1988 के रोड रेज मामले में सिद्धू को एक वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने सिद्धू को पहले दी गई 1000 रुपये जुर्माने की सजा बढ़ा कर एक वर्ष का सश्रम कारावास करते हुए अपने फैसले में कहा है कि अनुचित सहानुभूति दिखाते हुए अपर्याप्त सजा देने से न्याय प्रणाली को अधिक नुकसान होगा और इससे जनता में कानून की प्रभावशीलता के प्रति विश्वास घटता है। रोड रेज का यह मामला 27 दिसंबर 1988 का है। जिसमे नवजोत सिह सिद्धू पटियाला में कार से जाते वक्त गुरनाम सिह नाम के बुजुर्ग से भिड़ गए थे। गुस्से में सिद्धू ने उन्हें मुक्का मार दिया जिस कारण गुरुनाम सिह की मौत हो गई। सिद्धू पर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज हुआ। निचली अदालत ने सिद्धू को सुबूतों के अभाव में 1999 में बरी कर दिया। लेकिन हाई कोर्ट ने 2006 में सिद्धू को तीन साल के कारावास की सजा सुनाई थी। सिद्धू ने सजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की और सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में सिद्धू को गैर इरादतन हत्या के जुर्म से बरी कर दिया लेकिन आइपीसी की धारा 323 में चोट पहुंचाने का दोषी मानते हुए 1000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने उस वक्त सिद्धू को कारावास की सजा नहीं दी थी। इस फैसले के खिलाफ पीड़ित परिजनों ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल कर सजा बढ़ाने की मांग की थी जिस पर कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है।
आजम खान सीतापुर जेल से रिहा
वहीं समाजवादी पार्टी के नेता आजम खां को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली। सुप्रीम कोर्ट ने आजम को धोखाधड़ी के मामले में अंतरिम जमानत देते हुए उनकी रिहाई का रास्ता साफ कर दिया है। शुक्रवार सुबह आजम खान 27 माह बाद सीतापुर जेल से बाहर आ गए। नीचे देखिए रिहाई का वीडियो। सुप्रीम कोर्ट ने आजम को दो सप्ताह के भीतर सक्षम अदालत में नियमित जमानत के लिए आवेदन करने का आदेश दिया है।
आजम खां के खिलाफ अब 89 मुकदमे अदालतों में विचाराधीन हैं। सभी मामलों में जमानत मंजूर हो गई है। आजम खां 26 फरवरी, 2020 को अदालत में हाजिर हुए थे। तब से ही सीतापुर जेल में बंद हैं। उनके बेटे अब्दु्ल्ला के खिलाफ 43 और पत्नी डा. तजीन फात्मा के खिलाफ 34 मुकदमे विचाराधीन हैं। उनकी पत्नी और बेटे भी उनके साथ जेल गए थे। पत्नी 10 माह और बेटे 23 माह बाद जमानत पर छूटे थे।
#WATCH | Samajwadi Party leader Azam Khan released from Sitapur district jail, in a matter concerning Kotwali PS in Rampur pic.twitter.com/2TDWwFHi4W
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) May 20, 2022
Posted By: Arvind Dubey
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