Shanti Bhushan Passes Away: पूर्व कानून मंत्री और दिग्गज वकील शांति भूषण (Shanti Bhushan) के निधन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शोक व्यक्त किया है। आपको बता दें कि 97 साल के शांति भूषण ने मंगलवार की शाम 7 बजे दिल्ली में अपने घर पर अंतिम सांस ली। ये काफी समय से बीमार चल रहे थे। उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए पीएम मोदी ने ट्वीट किया और कहा कि कानून के क्षेत्र में अपने योगदान के लिए शांति भूषण हमेशा याद रखे जाएंगे। उन्होंने हमेशा दबे-कुचले लोगों का साथ दिया और उनके लिए लड़े।
शांति भूषण का राजनीतिक सफर
- शांति भूषण ने मोरारजी देसाई (Morarji Desai) मंत्रालय में 1977 से 1979 तक भारत के कानून मंत्री के रूप में कार्य किया था।
- उन्होंने इलाहाबाद हाई कोर्ट में एक प्रसिद्ध मामले में राजनारायण का प्रतिनिधित्व किया था, जिसके परिणामस्वरूप 1974 में इंदिरा गांधी को प्रधानमंत्री के रूप में हटा दिया गया था।
- कोर्ट ने इंदिरा गांधी को संसद सदस्य के रूप में प्रतिबंधित कर दिया और उन्हें अगले छह वर्षों के लिए चुनाव लड़ने से रोक दिया था। इसी निर्णय के विरोध में भारत में आपातकाल की घोषणा हुई थी।
- शांति भूषण कांग्रेस (ओ) और बाद में जनता पार्टी के सदस्य रहे थे। वे अपने राजनीतिक जीवन के दौरान राज्यसभा सांसद भी थे।
- वे 1980 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे, लेकिन साल 1986 में उन्होंने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया था।
- 1980 में उन्होंने एनजीओ 'सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन' की स्थापना की, जिसने सुप्रीम कोर्ट में कई महत्वपूर्ण जनहित याचिकाएं दायर की।
- शांति भूषण, साल 2012 में आम आदमी पार्टी (AAP) के संस्थापक सदस्यों में शामिल थे। लेकिन बाद में अरविंद केजरीवाल से मतभेद के बाद वे पार्टी से अलग हो गए थे।
Posted By: Shailendra Kumar