'चुनाव आयोग की छवि खराब कर रहे हैं राहुल गांधी', 272 रिटायर्ड जज और ब्यूरोक्रेट्स की खुली चिट्ठी
देश की 272 जानी-मानी शख्सियत ने एक खुला पत्र जारी कर कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पार्टी नेतृत्व पर चुनाव आयोग की छवि धूमिल करने का आरोप लगाया है। इन बड़ी शख्सियत में पूर्व न्यायाधीश, सेवानिवृत्त नौकरशाह और सशस्त्र बलों के अधिकारी शामिल हैं।
Publish Date: Wed, 19 Nov 2025 01:36:38 PM (IST)
Updated Date: Wed, 19 Nov 2025 02:09:12 PM (IST)
कांग्रेस नेता राहुल गांधी।HighLights
- कांग्रेस नेतृत्व पर चुनाव आयोग की छवि धूमिल करने का आरोप।
- लगातार सवाल उठाना लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए हानिकारक।
- लिखा, सभी दलों को संवैधानिक मर्यादा का पालन करना चाहिए।
डिजिटल डेस्कः देश की 272 जानी-मानी शख्सियत ने एक खुला पत्र जारी कर कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पार्टी नेतृत्व पर चुनाव आयोग की छवि धूमिल करने का आरोप लगाया है। इन बड़ी शख्सियत में पूर्व न्यायाधीश, सेवानिवृत्त नौकरशाह और सशस्त्र बलों के अधिकारी शामिल हैं।
सभी दलों को संवैधानिक मर्यादा का पालन करना चाहिए
चिट्ठी में कहा गया है कि विपक्ष द्वारा संवैधानिक संस्थाओं पर लगातार सवाल उठाना लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए हानिकारक है। हस्ताक्षरकर्ताओं ने आग्रह किया है कि राजनीतिक लाभ के लिए ऐसी संस्थाओं की विश्वसनीयता पर हमला नहीं किया जाना चाहिए और सभी दलों को संवैधानिक मर्यादा का पालन करना चाहिए।
निष्पक्षता पर अनावश्यक संदेह पैदा करना उचित नहीं
खुले पत्र पर 16 पूर्व न्यायाधीश, 123 सेवानिवृत्त नौकरशाह और 133 पूर्व सशस्त्र बल अधिकारी शामिल हैं। इन हस्ताक्षरकर्ताओं ने यह भी कहा है कि चुनाव आयोग दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के सुचारू चुनाव संचालन में अहम भूमिका निभाता है और उसकी निष्पक्षता पर अनावश्यक संदेह पैदा करना उचित नहीं है।
लोकतांत्रिक ढांचे पर बढ़ते हमलों पर चिंता व्यक्त की
सिविल सोसाइटी के वरिष्ठ नागरिकों ने एक खुले पत्र में देश के लोकतांत्रिक ढांचे पर बढ़ते हमलों को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है। पत्र में कहा गया है कि भारत का लोकतंत्र किसी प्रत्यक्ष बल प्रयोग से नहीं, बल्कि उसकी मूलभूत संस्थाओं के खिलाफ फैल रही जहरीली बयानबाजी की लहर से प्रभावित हो रहा है।
वरिष्ठ नागरिकों के अनुसार, कुछ राजनेता वास्तविक नीतिगत विकल्प पेश करने के बजाय नाटकीय राजनीतिक रणनीतियों के तहत भड़काऊ और निराधार आरोपों का सहारा ले रहे हैं।
आयोग की विश्वसनीयता पर संगठित हमले
पत्र में आगे कहा गया है कि इन नेताओं ने पहले भारतीय सशस्त्र बलों के साहस और उपलब्धियों पर सवाल उठाए, फिर न्यायपालिका, संसद और संवैधानिक पदाधिकारियों की निष्पक्षता पर संदेह जताकर उन्हें बदनाम करने की कोशिश की। अब, इसी क्रम में भारत के चुनाव आयोग को भी निशाने पर लिया जा रहा है और उसकी विश्वसनीयता तथा ईमानदारी पर संगठित और षड्यंत्रपूर्ण हमले किए जा रहे हैं।
इस खुले पत्र में आरोप लगाया गया है कि लोकसभा में विपक्ष के नेता ने लगातार चुनाव आयोग को आलोचना का निशाना बनाया है। उन्होंने आयोग पर वोटों की चोरी में शामिल होने का आरोप लगाते हुए कहा है कि उनके पास इसके स्पष्ट प्रमाण मौजूद हैं।