कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश में 19 नये जिले बनाने की घोषणा की है। साथ ही तीन नये संभागीय आयुक्त बनाये गए हैं। ये नये जिले बनाए जाने के बाद अब इनकी संख्या 50 हो गई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वित्त एवं लेखानुदान पर हुई बहस का जवाब देते हुए शुक्रवार को नये जिले एवं संभागीय मुख्यालय बनाने की घोषणा की। नये जिलों एवं संभागीय मुख्यालयों पर आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए दो हजार करोड़ के बजट का प्रावधान किया है।
चिरजीवी योजना 30 मार्च से
सीएम ने विभिन्न सेवाओं से लोगों को लाभान्वित करने के लिए चिरजीवी योजना 30 मार्च से प्रारंभ करने की घोषणा की है। उन्होंने सरकारी अस्पतालों में निःशुल्क दवाओं की उपलब्धता के लिए राजस्थान ड्रग्स एवं फार्मास्यूटिकल कंपनी को राजकीय कंपनी के रूप में पुनर्जीवित करने की भी घोषणा की।
अन्य घोषणाओं में यह दावे
इसी के साथ मान्यता प्राप्त वाहन चालन प्रशिक्षण केंद्रों एवं स्कूलों के निर्धारित वाहनों को मोटर वाहन कर से मुक्त करने, 80 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगों को सभी तरह की स्टांप ड्यूटी में छूट देने, भारत-पाकिस्तान सीमा के निकट श्रीगंगानगर जिले में वार मेमोरियल सेंटर विकसित करने की भी घोषणा की है।
ये नये जिले बने
वर्तमान जयपुर जिले को चार भांगों में बांटकर नये जिले बनाए गए हैं। इनमें जयपुर दक्षिण,जयपुर उत्तर,कोटपुतली-बहरोड़ और दूदू शामिल है। इसी तरह जोधपुर जिले को तीन भागों में विभाजित कर फलौदी, जोधपुर पूर्व एवं जोधपुर पश्चिम जिले बनाए गए हैं। वर्तमान अजमेर जिले को तीन भागों में विभाजित कर अजमेर, केकड़ी एवं ब्यावर जिले बनाए गए हैं। साथ ही पाली, बांसवाड़ा एवं सीकर नये संभागीय मुख्यालय बनाए गए हैं।
Posted By: Navodit Saktawat