
पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की पहल से शुरू हुई सड़क सुरक्षा फोर्स (एसएसएफ) अब राज्यभर में सड़क हादसों को कम करने में अहम भूमिका निभा रही है। जनवरी 2024 में लॉन्च हुई इस फोर्स ने अब तक 45,000 से अधिक लोगों की जान बचाई है।
लगभग 4100 किमी सड़कों पर हर 30 किमी पर टीमें तैनात हैं। ये टीमें टोयोटा हिलक्स और महिंद्रा स्कॉर्पियो जैसे आधुनिक वाहनों से लैस हैं और 5-7 मिनट में घटनास्थल पर पहुंचकर फर्स्ट एड और अस्पताल तक पहुंचाने का काम करती हैं।
फोर्स में 28% महिलाएं शामिल हैं, जो सड़क सुरक्षा के साथ-साथ नशा तस्करी, वाहन चोरी और आत्महत्या रोकने के प्रयासों में सक्रिय हैं। अब तक 12 आत्महत्या की कोशिशें रोकी गई हैं। महिलाओं, बच्चों और रात में सफर करने वालों की सुरक्षा में एसएसएफ की भूमिका बेहद सराहनीय रही है।
तकनीकी उपकरण जैसे स्पीड गन, बॉडी कैमरा, ई-चालान और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का उपयोग फोर्स को और स्मार्ट, पारदर्शी और जवाबदेह बनाता है। आपदा और बाढ़ जैसे समय में भी फोर्स राहत कार्यों में बढ़-चढ़कर शामिल रही है।
मुख्यमंत्री मान ने हाल ही में 4,150.42 करोड़ रुपये की ग्रामीण सड़क उन्नयन परियोजना और 91.83 करोड़ रुपये की सड़क सुरक्षा योजना की घोषणा की है। इसमें जेबरा क्रॉसिंग, साइन बोर्ड और सफेद पट्टियों जैसी सुविधाएं शामिल हैं।
यह पहल न केवल सड़क सुरक्षा बढ़ा रही है बल्कि ग्रामीण विकास और यातायात व्यवस्था को नया आयाम दे रही है। राज्य में सड़क दुर्घटनाओं के मामलों में लगातार गिरावट दर्ज हो रही है, और यह साबित हो रहा है कि मान सरकार की एसएसएफ योजना जीवन की सुरक्षा में वास्तव में ‘ढाल’ बन गई है।