मुंबई। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने बुधवार को कहा कि आईएनएस विराट को खरीदने के इच्छुक सभी राज्यों को केंद्र ने सूचित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि राज्य चाहें तो एक रुपए में आईएनएस विराट को खरीद सकते हैं।
हालांकि, इसके लिए शर्त यह होगी कि राज्य सरकार इस युद्धपोत का रखरखाव करेगी और इसे म्यूजियम और होटल में बदलने के लिए जरूरी निवेश करेगी।
माना जा रहा है कि विमानवाहक युद्धपोत आईएनएस विक्रांत को सेवा मुक्त किए जाने के बाद इसके रखरखाव पर करोड़ों रुपए खर्च करने के अनुभव से सबक लेते हुए आईएनएस विराट को किसी राज्य को बेचने की योजना बनाई गई है।
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माना जा रहा है कि आईएनएस विक्रांत को 2016 में सेवामुक्त किया जा सकता है। दक्षिण के एक राज्य ने इस विमानवाहक युद्धपोत को खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है। उसकी योजना इस युद्धपोत को म्यूजियम में तब्दील करने की है। हालांकि, इस बारे में अभी तक कोई प्रगति नहीं हो पाई है।
रक्षा मंत्रालय के एक सूत्र ने बताया कि आईएनएस विराट के खरीदार को इसके सालाना रखरखाव के अलावा इसकी मरम्मत पर 300 करोड़ रुपए खर्च करने होंगे। साल 1998 में आईएनएस विक्रांत की मरम्मत में 600 करोड़ रुपए की लागत आई थी, जिसके बाद महाराष्ट्र सरकार ने उसे म्यूजियम में तब्दील कर दिया था।
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आईएनएस विराट कोच्िच में लंगर डाले हुए है और इस हफ्ते वह मुंबई के लिए रवाना होगा। यह दुनिया का सबसे पुराना युद्ध पोत है, जो अभी भी सेवा में है। इस पुराने युद्धपोत में 1,000 कम्पार्टमेंट हैं, जिन्हें कमरे में बदला जा सकता है।
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