कोलकाता। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कोलकाता में अप्रैल में होने वाले आगामी नगरपालिका चुनावों के लिए भाजपा के चुनाव अभियान की शुरूआत कर दी। उन्होंने कहा कि जब हम चुनाव प्रचार के लिए यहां आए, तो अनुमति देने से इनकार कर दिया गया, स्टेज में तोड़फोड़ की गई और झूठे मामले दर्ज किए गए। 40 से अधिक भाजपा कार्यकर्ताओं ने अपनी जान गंवाई, लेकिन इन सब के बाद भी, ममता दी क्या आप हमें रोक सकती हैं?
ममता दीदी हर गांव में जाती हैं और 'दीदी के बोलो' पूछती हैं, लोगों को आश्चर्य है कि क्या जवाब दिया जाए। आज मैं आपको बताने आया हूं कि शांत मत बैठिए। जब भी वह 'दीदी के बोलो ’पूछती हैं, तो आप कहिए आर नाई अन्याय, जिसका मतलब है कि हम इस अन्याय को बर्दाश्त नहीं करेंगे।
Union Home Minister Amit Shah in Kolkata: When we came here for the election campaign, permissions were denied, stages were vandalized & false cases were filed. More than 40 BJP workers lost their lives, but even after all this, Mamata di could you stop us? #WestBengal pic.twitter.com/3nfZR3TiML
— ANI (@ANI) March 1, 2020
इससे पहले वह राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड्स के एक कार्यक्रम में भी शामिल हुए थे। वहां गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि एनएसजी को उन लोगों में डर पैदा करना चाहिए जो "राष्ट्र को विभाजित करना चाहते हैं और शांति को रोकना चाहते हैं"। कोलकाता में एनएसजी के एक कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा, "यदि वे अभी भी आते हैं, तो उनसे लड़ना और उन्हें हराना एनएसजी की जिम्मेदारी है।
उन्होंने कहा कि अब नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद, हमने विदेश नीति से अलग एक सक्रिय रक्षा नीति विकसित की है। उन्होंने कहा कि भारत अब सर्जिकल स्ट्राइक करने में अमेरिका और इजरायल जैसे देशों की लीग में शामिल हो गया है। हम पूरी दुनिया में शांति चाहते हैं। 10,000 वर्षों के हमारे इतिहास में भारत ने कभी किसी देश पर हमला नहीं किया है। हम किसी को भी हमारी शांति में खलल नहीं डालने देंगे और जो कोई भी सैनिकों की जान लेगा, उसे इसकी भारी कीमत चुकानी होगी।
गृह मंत्री की यह टिप्पणी दिल्ली में तीन दिन हुई हिंसा की पृष्ठभूमि में आई है, जिसकी वजह से 43 लोगों की मौत हो चुकी है। अमित शाह के कोलकाता आने के विरोध को बीच वह रविवार सुबह कोलकाता पहुंच गए थे। सभी की निगाहें इस बात पर हैं कि वह आज शाम शहर के बीचों-बीच होने वाली रैली में दिल्ली में हुई हिंसा के बारे में क्या कहेंगे।
राज्य की विपक्षी सीपीएम और कांग्रेस ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ऐसे समय रैली की अनुमति देने के लिए आलोचना की है, जब बोर्ड परीक्षाएं चल रही हैं। उन्होंने शुक्रवार को भुवनेश्वर में पूर्वी जोनल काउंसिल की बैठक के लिए अमित शाह से मुलाकात करने पर दिल्ली बंद की निंदा करने में विफल रहने के लिए मुख्यमंत्री पर हमला किया।
Posted By: Shashank Shekhar Bajpai
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