
डिजिटल डेस्क। यूपी के दो अहम शहर कानपुर और वाराणसी अपनी-अपनी पहचान और खूबियों के लिए पूरी दुनिया में मशहूर हैं। लेदर इंडस्ट्री का नाम आते ही सबसे पहले कानपुर याद आता है, जिसे लेदर सिटी ऑफ वर्ल्ड कहा जाता है। इसके विपरीत, वाराणसी दुनिया के सबसे पुराने बसे शहरों में से एक है, जिसकी आध्यात्मिक छवि और सांस्कृतिक धरोहर लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है। लेकिन एक दिलचस्प सवाल अक्सर लोगों को सोचने पर मजबूर करता है, इन दोनों शहरों में रहने वाले लोग आर्थिक रूप से किस शहर में अधिक संपन्न हैं?
अमीरी-गरीबी की इस खास सीरीज में जागरण बिजनेस ने यूपी के अर्थ एवं सांख्य विभाग से साझा किए गए ताजा आंकड़ों का विश्लेषण किया है। दोनों शहरों का अपना अलग व्यक्तित्व है। कानपुर जहां व्यापारिक गतिविधियों का हब है, वहीं वाराणसी में आध्यात्म और शांति की तलाश में लाखों लोग पहुंचते हैं।
सरकारी डेटा के मुताबिक,
वाराणसी की प्रति व्यक्ति आय: ₹1,03,354
कानपुर नगर की प्रति व्यक्ति आय: ₹1,31,956
कानपुर देहात की प्रति व्यक्ति आय: ₹1,02,657
ये आंकड़े साफ बताते हैं कि कानपुर नगर आर्थिक रूप से वाराणसी से काफी आगे है।
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कानपुर का लेदर और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर यहां की अर्थव्यवस्था की रीढ़ माना जाता है। बड़े व्यापारी, उद्योगों की मौजूदगी और निर्यात के अवसरों ने इसे आय के मामले में मजबूत बनाया है।
दूसरी ओर, वाराणसी अपनी धार्मिक-पर्यटन आधारित अर्थव्यवस्था पर निर्भर है, जो भावनात्मक और सांस्कृतिक दृष्टि से तो बेहद समृद्ध है, लेकिन औद्योगिक स्तर पर कानपुर जैसे अवसर वहां कम हैं।
आध्यात्म की नगरी वाराणसी भले ही संस्कृति, शांति और परंपरा में अग्रणी हो, लेकिन आर्थिक दौड़ में कानपुर नगर उससे काफी आगे निकल चुका है। वहीं, कानपुर देहात की स्थिति वाराणसी से थोड़ी नीचे है। इस तरह, औद्योगिक क्षमता और व्यापारिक गतिविधियां कानपुर को यूपी के समृद्ध जिलों में से एक बनाती हैं।
नोट- दोनों शहरों की प्रति व्यक्ति आय वित्त वर्ष 2023-24 के डेटा पर आधारित है। अभी 2024-25 का डेटा नहीं आया है।