कानपुर। पांच लाख रुपए के इनामी हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को 10 जुलाई की सुबह कानपुर के पनकी के पास पुलिस मुठभेड़ में मार गिराया गया है। उज्जैन में गिरफ्तार किए जाने के बाद कानपुर पहुंचने के बीच रास्ते में नौ घंटों के दौरान कुख्यात विकास दुबे से एसटीएफ ने करीब 50 सवाल पूछे थे। इनके जवाबों की एक सीडी बनाकर शासन और प्रवर्तन निदेशालय को सौंप दी गई है। बताया जा रहा है कि विकास ने चार बड़े कारोबारियों, 11 विधायक-मंत्री और पांच बड़े अधिकारियों के नाम बताए हैं, जो हमेशा उसकी मदद के लिए तैयार रहते थे।
सूत्रों ने बताया कि विकास दुबे ने दो जुलाई की वारदात के बाद से उज्जैन में गिरफ्तार होने तक की पूरी कहानी बताई। इस दौरान किन-किन लोगों ने उसकी मदद की और दो जुलाई की रात को उसके साथ कौन-कौन वारदात में शामिल था, यह जानकारी भी विकास ने दी। 2 जुलाई की रात को किए गए हमले में शामिल करीब एक दर्जन बदमाश ऐसे थे, जिनके नामों के बारे में पुलिस को जानकारी नहीं थी। उसने अपनी संपत्तियों के नाम और पते के बारे में भी जानकारी दी। साथी ही अवैध रूप से जमा किए गए पैसों के निवेश और खर्चों के बारे में भी बताया।
जहां पुलिस घुसने की हिम्मत नहीं करती, वहां से घसीटकर ले जाना चाहते थे सीओ
विकास ने बताया कि सरकार और शासन में मजबूत पकड़ होने की वहज से वह फोन पर ही लोगों के तबादले करा देता था। कुछ माह पहले एक थानेदार और चार चौकी प्रभारियों की भी तैनाती कराई थी। 50 पुलिस वाले उसके यहां आते-जाते थे। विकास ने कहा कि मेरे गांव और क्षेत्र में मेरी मर्जी के बिना पुलिस घुस नहीं सकती थी।
ऐसे में सीओ देवेंद्र मिश्रा मुझे वहां से घसीटकर ले जाने और एनकाउंटर करने की बात कहते थे। वह मेरे पैर को लेकर भी ताना मारते थे कि और मेरे करीबियों से कहते थे कि विकास की दूसरी टांग भी मैं ही तोडूंगा। यही बात नागवार गुजरी। जब पता चला कि वह दबिश देने आ रहे हैं, तो उन्हें हमले में न सिर्फ मारा, बल्कि उनकी टांग भी काट दी।
अगर जिंदा रहा, तो फिर आऊंगा महाकाल
उत्तर प्रदेश के लिए रवाना होने के पहले विकास दुबे ने गुरुवार रात को कायथा थाने पर नाश्ता किया था। यहां पुलिस ने कुछ कागजी कार्रवाई भी की थी। दुबे ने खुद नाश्ता मांगा था। जाते वक्त बोला- अगर जिंदा रहा, तो महाकाल दर्शन करने और इस थाने पर जरूर आऊंगा।
दरअसल, महाकाल मंदिर से गिरफ्तार करने के बाद उज्जैन के आला अधिकारी उसे लेकर देर शाम कायथा थाना पहुंचे थे। कायथा थाने के बाद शाजापुर जिला लगता है। इसलिए पुलिस ने यहां कागजी कार्रवाई की थी। इस दौरान विकास दुबे ने पुलिसकर्मियों से नाश्ते की भी गुहार लगाई थी। इसके बाद कायथा पुलिस ने नाश्ता करवाया।
Posted By: Shashank Shekhar Bajpai
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