Weather Update: बंगाल की खाड़ी में आए ईरानी चक्रवात निवार अभी पूरी तरह खत्म भी नहीं हुआ कि एक और चक्रवात के दस्तक देने की संभावना बन गई है। मौसम विभाग ने इसे लेकर अलर्ट जारी कर दिया है। दो दिसंबर को दक्षिण भारत में इसका असर ज्यादा दिखने का अनुमान है। ताजा अनुमान है कि 01 दिसंबर को अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम एवं भारी से बहुत भारी वर्षा हो सकती है। तमिलनाडु, पुदुचेरी और कराईकल पर 02 और 03 दिसंबर, 2020 को अलग-थलग स्थानों के साथ कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है। चक्रवात के गुजर जाने के बाद अब उसका असर दिखाई दे रहा है। कहीं-कहीं बारिश शुरू हो चुकी है। इस बीच अनुमान है कि बारिश के साथ ही अब बर्फबारी भी होगी जो कि कंपकंपी और बढ़ाएगी। दक्षिण के राज्यों में एक दिसंबर से भारी बारिश होने की संभावना है। 1 दिसंबर से लेकर 3 दिसंबर तक तमिलनाडु के तटीय और उत्तरी भागों तथा दक्षिणी आंध्र प्रदेश और रायलसीमा क्षेत्र में भीषण वर्षा हो सकती है। बारिश के चलते व्यापक रूप में नुकसान होने की आशंका है। वर्तमान मौसमी स्थितियों के आधार पर इस सिस्टम के पश्चिमी और उत्तर पश्चिमी दिशा में जाने की संभावना है और 2 तथा 3 दिसंबर की समय सीमा के बीच पुदुचेरी तथा तमिलनाडु के आसपास लैंडफॉल कर सकता है। अक्टूबर और नवंबर के ही रास्ते पर दिसम्बर भी चलेगा। दिसम्बर का आरंभ भी कड़ाके की सर्दी के साथ होने जा रहा है। मौसम के जानकारों ने चेताया है कि आने वाले सप्‍ताह में बारिश के साथ ही ठंड भी बढ़ सकती है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने दिल्ली-एनसीआर और उत्तर प्रदेश और राजस्थान में अलग-अलग हिस्सों में गुरुवार से रविवार तक हल्की बारिश की भविष्यवाणी की है।

ऐसा है मौसम का नया सिस्‍टम

मौसम विभाग के मुताबिक बंगाल की खाड़ी में लो प्रेशर जन्म ले चुका है जिसके अगले 36 घंटे के दौरान डीप डिप्रेशन में बदलने के आसार हैं। फिर अगले 24 घंटे में यह और ताकवर हो सकता है। इससे एक बार फिर दक्षिण भारत में भारी आधी-बारिश की संभावना है। वर्तमान मौसमी स्थितियों के आधार पर और मौसम से जुड़े मॉडल से मिल रहे आंकड़ों के आधार पर मौसम वैज्ञानिक यह अनुमान लगा रहे हैं कि यह भी चक्रवाती तूफान निवार के नक्शे कदम पर आगे बढ़ेगा। पूर्वी तटीय भागों में खासतौर पर तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के इलाकों पर, जहां इसके तटों से टकराने की संभावना है, उन भागों में 70 से 90 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने और भीषण वर्षा होने की आशंका रहेगी।

मैदानी इलाकों में ठंड

पहाड़ों में बर्फबारी के कारण मैदानी इलाकों में ठंड है। बर्फ से लदी पश्चिमी हिमालय से बहने वाली ठंडी हवाओं के कारण पारे में गिरावट आई है। मौसम विभाग ने पहले कहा था, ताजा पश्चिमी विक्षोभ प्रभावित होने पर न्यूनतम तापमान 2-3 डिग्री सेल्सियस बढ़ जाएगा। अगले सप्ताह तक कश्मीर में रुकने की संभावना है, जबकि उत्तर भारत में कई स्थानों पर हल्की बारिश होगी, मौसम विभाग ने कहा है कि अगले हफ्ते तक जम्मू और कश्मीर में रुक-रुक कर हो रही बर्फबारी रुक जाएगी। श्रीनगर सहित मैदानी इलाकों में कई इलाकों में बारिश हुई। उत्तरी कश्मीर के गुलमर्ग के स्की-रिसॉर्ट में रात के दौरान चार इंच ताजा बर्फबारी दर्ज की गई, जबकि दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में लगभग एक इंच बर्फ दर्ज की गई।

उत्तर भारत में इस बार पड़ेगी कड़ाके की सर्दी, मौसम विभाग ने कहा शीत लहर का अंदेशा

उत्तर भारत में इस बार कड़ाके की सर्दी पड़ने के आसार हैं। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने रविवार को कहा कि उत्तर भारत में इस बार अधिक कड़ाके की सर्दी पड़ सकती है और ज्यादा शीत लहर चल सकती है। मौसम विभाग ने दिसंबर से फरवरी के लिए अपने सर्दिंयों के पूर्वानुमान में कहा कि उत्तर और मध्य भारत में न्यूनतम तापमान सामान्य से कम रहने की संभावना है। महापात्र ने कहा, उत्तर भारत में इस बार अधिक कड़ाके की सर्दी पड़ने की संभावना है। उन्होंने कहा कि उत्तर भारत में रात का तापमान सामान्य से कम रह सकता है, वहीं दिन का तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है। पश्चिमी तट और दक्षिण भारत में सामान्य तापमान न्यूनतम तापमान से अधिक रहेगा। मौसम विभाग 2016 से सर्दियों को लेकर भविष्यवाणी कर रहा है। यह संभवतः पहली बार है, जब मौसम एजेंसी ने कड़ाके की सर्दी पड़ने की भविष्यवाणी की है। पिछले साल इसने औसत से ज्यादा गर्म सर्दियों की संभावना जताई थी। महापात्र ने कहा कि उत्तर भारत के कुछ इलाकों में अक्टूबर में कम तापमान रिकॉर्ड होना शुरू हो गया था।

इस बार भीषण सर्दी का यह है कारण

उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में शीत लहर से बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो जाती है। पिछले महीने एक वेबिनार के दौरान महापात्र ने कहा था कि ला नीना के चलते इस बार ज्यादा कड़ाके की सर्दी पड़ेगी। ला नीना प्रशांत महासागर में पानी ठंडा होने से जुड़ी एक प्राकृतिक घटना है। पूर्वी प्रशांत महासागर क्षेत्र के सतह पर निम्न हवा का दबाव होने पर यह स्थिति पैदा होती है। इससे समुद्री सतह का तापमान काफी कम हो जाता है। इसका सीधा असर दुनियाभर के तापमान पर होता है। महापात्र ने कहा था कि इस समय केंद्रीय और पूर्वी प्रशांत महासागर क्षेत्र में सतह का तापमान सामान्य से नीचे है। प्रशांत महासागर के भूमध्यरेखीय क्षेत्र में मध्यम ला नीना की स्थिति बन रही है। इस बात की संभावना है कि यह स्थिति सर्दियों के अंत तक बनी रहेगी।

राजस्थान के माउंट आबू में एक डिग्री पर पहुंचा पारा, मौसम विभाग ने चेताया, सर्दी बढ़ेगी

उत्‍तर भारत में चल रही शीतलहर का असर राजस्थान में भी हो रहा है। मौसम विभाग ने अगले चार दिन तक जयपुर में मौसम पूरी तरह साफ रहने और ठंड बढ़ने की चेतावनी दी है। मौसम कार्यालय के अनुसार, 27-28 नवंबर को कहीं-कहीं हल्की से मध्यम कोहरा पड़ने की संभावना है, जबकि 28-30 नवंबर के दौरान राज्य के उत्तरी भागों में शीतलहर फिर से बढ़ने की संभावना है। सर्दी बढ़ने के साथ ही सर्दी, जुकाम व खांसी जैसी मौसमी बीमारियों के रोगियों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। माउंट आबू में शनिवार को तापमान एक डिग्री दर्ज किया गया, इससे पहले शुक्रवार को यहां का तापमान जमाव बिंदु पर पहुंच गया था। श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, चूरू में शीतलहर के चलते पारा नौ डिग्री के आसपास आ गया। जयपुर में तापमान गिरकर 11 डिग्री तक पहुंच गया। यहां पिछले दो दिन में लगातार तापमान में कमी हो रही है। सुबह और शाम को तेज सर्दी के कारण लोगों को परेशानी हो रही है। मौसम विभाग के अनुसार, शनिवार को प्रदेश के पिलानी में 8 डिग्री सेल्सियस, चूरू में 6 डिग्री, भीलवाड़ा 12, वनस्थली (टोंक) 8.5, बीकानेर में 8.9 सीकर 9, कोटा 10.7, सवाई माधोपुर 11.6, बूंदी 11.4, चित्तौड़गढ़ 9.1, उदयपुर 8.5, बाड़मेर 11.8, पाली 12, जैसलमेर 10.1, जोधपुर 12.9 और श्रीगंगानगर में न्यूनतम तापमान 10.1 डिग्री दर्ज किया गया।

ऊंची बर्फबारी की खबरें

श्रीनगर-लेह मार्ग पर सोनमर्ग-जोजिला अक्ष सहित लद्दाख को जोड़ने वाली घाटी में ऊंची बर्फबारी की खबरें हैं। हिमाचल प्रदेश में शीतलहर की स्थिति बनी हुई है और राज्य के कुछ हिस्सों में ताजा हिमपात हुआ है जबकि कुछ अन्य भागों में बारिश हुई। लाहौल और स्पीति का प्रशासनिक केंद्र माइनस 2.5 डिग्री सेल्सियस पर राज्य में सबसे ठंडे स्थान पर रहा, जबकि किन्नौर के कल्पा में शून्य से 0.4 डिग्री सेल्सियस कम तापमान दर्ज किया गया। शिमला में न्यूनतम तापमान 6.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

ठंड भी अपना असर दिखाएगी

धनबाद और आसपास भी बादलों की आवाजाही शुरू होगी जिससे यहां की फिजा में बदलाव होगा। हल्की बूंदाबांदी भी हो सकती है। इधर, चक्रवात निवार का असर शनिवार को भी धनबाद में दिखेगा। आसमान में बादल छाए रहेंगे। हालांकि बादलों की आवाजाही के बीच पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता बढ़ने से ठंड भी अपना असर दिखाएगी। समुद्री बादलों से तापमान में आंशिक बदलाव हो सकता है। बारिश की संभावना नहीं है। बंगाल की खाड़ी में चक्रवात को लेकर मानसून एक्सपर्ट डॉ. एसपी यादव का मानना है कि समुद्र की सतह के तापमान बढ़ने से ऐसी परिस्थिति उत्पन्न हो रही है। लोगों को इसके लिये विशेष एहतियात बरतनें की जरूरत है। अच्‍छी बात यह है कि बारिश की संभावना कम है। बारिश होने से लोगों की परेशानी और बढ़ सकती है।

कश्मीर में पारा लुढ़का, उत्तर भारत में बढ़ रही ठंड

कश्मीर के गुलमर्ग सहित अन्य क्षेत्रों में शनिवार को पारा शून्य से 5.6 डिग्री सेल्सियस नीचे लुढ़क गया जिससे उत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों में ठंड बढ़ रही है। दिल्ली में शनिवार को न्यूनतम 10.1 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम 26.4 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। शहर की हवा की गुणवत्ता फिर से खराब हो गई है। उत्तर भारत में धीरे-धीरे ठंड बढ़ रही है। वहीं, तूफान आने के बाद हुई बारिश ने आंध्र प्रदेश के लोगों की परेशानी दी है। भारी बारिश से आई बाढ़ से प्रदेश के कडप्पा जिले में पिछले तीन दिनों में आठ लोगों की मौत हो गई। यह जानकारी शनिवार को राज्य सरकार ने दी। मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है।

Himachal: भारी बर्फबारी के बाद कड़ाके की ठंड, माइनस नौ डिग्री तक पहुंचा तापमान

हिमाचल प्रदेश में मौसम आगामी दिनों में काफी हद तक राहत प्रदान करेगा। पांच दिसंबर तक मौसम के साफ रहने की संभावना है। शनिवार को सुबह की शुरुआत धूप की किरणों के साथ हुई। हालांकि भारी हिमपात के कारण प्रदेश में अभी भी 126 सड़कें बंद हैं। शिमला जोन में 54, मंडी जोन में 57 और कांगड़ा जोन में 15 सड़कें बंद हैं। इन सड़कों को खोलने में तीन से चार दिन का और समय लग सकता है। शुक्रवार को धूप खिलने से ठंड से कुछ राहत मिली, लेकिन न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। हालांकि अधिकतम तापमान में नौ डिग्री सेल्सियस तक की वृद्धि दर्ज की गई है। प्रदेश में सबसे अधिक तापमान ऊना में 27 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है, जबकि सबसे कम तापमान केलंग में -9.9 डिग्री दर्ज किया गया है, जो सीजन का सबसे कम तापमान है।

डेढ़ से दो फीट तक बर्फ जमी

सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने मनाली-केलंग मार्ग आपात स्थिति के लिए बहाल कर दिया है। अटल टनल रोहतांग के दोनों छोर में डेढ़ से दो फीट तक बर्फ जमी हुई है। बीआरओ ने वीरवार को टनल के दोनों ओर से बर्फ हटाने का कार्य शुरू किया और शुक्रवार को मनाली-केलंग मार्ग आपात स्थिति के लिए बहाल कर दिया। वहीं, कुल्लू जिला प्रशासन ने अब सोलंगनाला पर्यटकों के लिए बहाल कर दिया है। शुक्रवार को धूप खिलते ही यहां सैलानियों की भीड़ उमड़ पड़ी।

कहां कितना रहा तापमान (डिग्री सेल्सियस)

स्थान, न्यूनतम, अधिकतम

शिमला, 5.0, 17.4

सुंदरनगर, 3.0, 23.2

भुंतर, 3.0, 15.6

कल्पा, -3.6, 5.6

धर्मशाला, 6.6, 15.4

ऊना, 6.0, 27.0

केलंग, -9.9, -1.0

Posted By: Navodit Saktawat

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