बंगाल की खाड़ी से उपजा चक्रवात निवार आज शाम 120 किमी प्रति घंटे की तेज गति से तटों पर लैंडफॉल कर चुका है। इसके परिणामस्वरूप तमिलनाडु सहित दक्षिण भारत के अन्य राज्यों में भारी बारिश शुरू हो चुकी है। मौसम विभाग इसपर कड़ी नजर बनाए हुए है। चक्रवात का असर भी अब कई इलाकों में देखने को मिल रहा है। चेन्नई और कांचीपुरम में तेज बारिश शुरू हो गई है। तूफान के मद्देनजर दक्षिण-पश्चिम रेलवे ने कल के लिए निर्धारित दो ट्रेनों को रद्द कर दिया है। इसके अलावा चेन्नई से आने और जाने वाली 26 उड़ानों को भी रद्द कर दिया गया है। चक्रवात के बारे में आईएमडी की चेतावनी के बाद जनता के जीवन और स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा हो गया है। पुडुचेरी में मंगलवार रात से ही धारा 144 लगाई गई है। यह 26 नवंबर की सुबह तक जारी रहेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु और पुदुचेरी के मुख्यमंत्रियों को केंद्र की ओर से हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया है। इस बीच, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एडप्पादी के पलानीस्वामी ने बुधवार को चक्रवात निवार के मद्देनजर राज्यव्यापी सार्वजनिक अवकाश घोषित किया। साल 2020 के मॉनसून के बाद बंगाल की खाड़ी में बनने वाले इस पहले चक्रवाती तूफान को ‘निवार’ नाम दिया जाएगा।
चक्रवात निवार से तमिलनाडु और पुदुचेरी के तटों को पार करने और 25 नवंबर की शाम को करिकाल और ममल्लापुरम के बीच एक गंभीर चक्रवाती तूफान के रूप में भूस्खलन होने की आशंका है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने मंगलवार को कहा कि चक्रवात की हवा की गति 100-110 किमी प्रति घंटे और रफ्तार 120 किमी प्रति घंटा है। तमिलनाडु के तटीय क्षेत्रों में 23-26 नवंबर के बीच भारी बारिश होने की संभावना है। एनडीआरएफ ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की तीस टीमों को तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और पुडुचेरी में कार्रवाई के लिए दबाया गया है क्योंकि चक्रवात निवार भारत के दक्षिणी तट की ओर बढ़ता है।
LIVE Cyclone Nivar Updates
- NDRF के महानिदेशक एसएन प्रधान ने कहा कि चक्रवात निवार के कारण 26 नवंबर को सुबह 2 बजे के बाद भूस्खलन हो सकता है। पूरे तमिलनाडु में एक लाख से अधिक लोगों को निकाला गया है और पुडुचेरी में 1,000 से अधिक लोगों को निकाला गया है।
- राष्ट्रीय टेस्ट एजेंसी ने कहा कि 26 नवंबर (गणित विज्ञान और रसायन विज्ञान) को आयोजित यूजीसी नेट 2020 परीक्षा उन सभी परीक्षा केंद्रों के संबंध में अगली सूचना तक स्थगित कर दी गई है जो पुडुचेरी और तमिलनाडु में स्थित हैं।
- सीएम एडप्पादी के पलानीस्वामी ने कहा कि चक्रवात निवार के कारण चेन्नई, वेल्लोर, कुड्डलोर, विलुप्पुरम, नागापट्टिनम, तिरुवूर, चेंगलपट्टू, और पेरम्बलोर सहित तमिलनाडु के 13 जिलों में 26 नवंबर तक राज्यव्यापी सार्वजनिक अवकाश जारी रहेगा।
- चक्रवात निवार के कारण चेन्नई एयरपोर्ट पर विमान संचालन बुधवार शाम 7 बजे से बृहस्पतिवार सुबह 7 बजे तक निलंबित रहेगा।
#WATCH Visuals from Mamallapuram; #CycloneNivar is likely to cross between Mamallapuram and Karaikal during midnight today and early hours of 26th November, as per IMD#TamilNadu pic.twitter.com/zOoTJKb9gA
— ANI (@ANI) November 25, 2020
#WATCH Strong winds at Mamallapuram ahead of the expected landfall of #CycloneNivar between Karaikal and Mamallapuram during midnight today and early hours of 26th November#TamilNadu pic.twitter.com/reuh7Qq2C8
— ANI (@ANI) November 25, 2020
#WATCH: Shutters of Chembarambakkam Lake opened to release water into Adyar River, in order to avert flooding. #TamilNadu pic.twitter.com/gztfVJgORN
— ANI (@ANI) November 25, 2020
तूफान निवार 25 नवंबर को तमिलनाडु के तटों पर दोपहर या शाम के समय टकराएगा, तमिलनाडु और दक्षिणी आंध्र प्रदेश के तमाम क्षेत्रों में भीषण बारिश होने की संभावना। #Nivar #NivarCyclone #NivarCycloneUpdate #CycloneNivarUpdate #CycloneNivar https://t.co/bOaLvsejoK
— SkymetHindi (@SkymetHindi) November 25, 2020
100-110 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से टकरा सकता है
भारतीय मौसम विभाग (IMD) की ओर से जारी एक बुलेटिन में कहा गया है कि यह तमिलनाडु और पुडुचेरी के तटों से 25 नवंबर को दोपहर करईकाल तथा मामल्लापुरम के बीच 100-110 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से टकरा सकता है और इसकी गति बढ़कर 120 किलोमीटर प्रति घंटे तक हो सकती है। चक्रवात के असर से तमिलनाडु और पुडुचेरी में 24 से 26 नवंबर तक भारी बारिश हो सकती है। इस कारण नागपट्टनम जिले में हाई अलर्ट जारी किया गया है तथा मछुआरों को 26 नवंबर तक समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी गई है। आंध्र प्रदेश में भी प्रमुख विभागों को तटीय एवं रायलसीमा क्षेत्रों के अधिकांश जिलों में अगले तीन दिनों में भारी बारिश की चेतावनी के बाद हाई अलर्ट पर रखा गया है। बंगाल की खाड़ी में दक्षिण पश्चिम तथा दक्षिण पूर्व में बना निम्न दाब सोमवार को 11.30 बजे पुडुचेरी से 520 किलोमीटर पूर्व- दक्षिणपूर्व तथा चेन्नई से 560 किलोमीटर दक्षिणपूर्व में स्थित था और यह 11 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पश्चिम-उत्तरपश्चिम की ओर बढ़ रहा है। पुडुकोटई, कुड्डालोर, नागपट्टनम, तंजावुर, विल्लुपुरम व चेंगलपट्टु जिलों खासतौर पर तैयार रहने को कहा गया है।
निपटने की तैयारियां पूरी, एनडीआरएफ तैनात
खतरे को देखते हुए एनडीआरएफ की छह टीमें कुड्डुलोर में तथा दो टीमें चेन्नई में जरूरी उपकरणों के साथ तैनात की जा रही हैं। राजस्व मंत्री आरबी उदयकुमार तथा बिजली मंत्री थंगमणि ने आशंकित आपदा से निपटने की तैयारियों पर संतोष जताया है। सभी इंतजाम कर लिए गए हैं तथा राहत शिविरों में कोरोना प्रोटोकॉल का ध्यान रखा जा रहा है। इस बीच, एनडीआरएफ के एक अधिकारी ने नई दिल्ली में बताया कि चक्रवात से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों के लिए 30 टीमें तैयार की गई हैं। इनमें से 12 टीमों की पूर्व तैनाती कर दी गई है तथा 18 टीमों को तैयार (स्टैंडबाय) रखा गया है।
पश्चिमी विक्षोभ का असर: राजस्थान में येलो अलर्ट भी, बढ़ेगी ठंड
उत्तर भारत के इलाकों में हो रही बर्फबारी और चैन्नई तमिलनाडू में बारिश के असर से राजस्थान में भी मौसम परिवर्तन देखने को मिला है। पश्चिमी विक्षोभ का असर बनने से यहां संभाग के कुछ स्थानों पर बुधवार को बूंदाबांदी हुई। जोधपुर के आसमां पर बादलों का डेरा जमा है। बादल छंटने के साथ ही ठंड के बढऩे के आसार बने है। जोधपुर में आज दिन का तापमान 17.2 डिग्री बना रहा। धूप नहीं खिलने से लोगबाग परेशान रहे। हवा में सर्दी का पूर्ण अहसास बना है। पश्चिमी विक्षोभ का ही प्रभाव रहा कि आज संभाग के लगभग सभी शहरों का न्यूनतम तापमान दो डिजिट में आ गया। जैसलमेर व उसके आस-पास के क्षेत्रों में देर रात हल्की बूंदाबांदी हुई। जोधपुर शहर व उसके आसपास के इलाकों सवेरे के समय धुजणी छुड़ा देने वाली ठंड पड़ी। बाद में सूरज की किरणें राहत ले कर आई। मगर इसके बाद आसमान में बादल छा गए। जोधपुर का आज सवेरे न्यूनतम तापमान 17.2 डिग्री सेल्सियस रहा। संभाग में आज सवेरे सबसे कम तापमान माउंट आबू में दर्ज किया गया। माउंट आबू का तापमान 3 डिग्री सेल्सियस रहा। इसी तरह बाड़मेर 16.6, पाली 13, जैसलमेर 13.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, पश्चिमी विक्षोभ का ये प्रभाव केवल 25 नवंबर तक ही बना रहेगा। वहीं, 27 व 28 नवंबर से प्रदेश के अधिकांश क्षेत्र को शीतलहर का प्रकोप झेलना पड़ेगा। विभाग ने इन दोनों ही दिनों में उत्तरी भारत से आने वाली सर्द हवाओं के लिए येलो अलर्ट भी जारी किया है।
Posted By: Navodit Saktawat
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