“युद्ध नशे विरुद्ध”: पंजाब ने बनाई निर्णायक मुहिम
अब तक पंजाब पुलिस ने 20,469 एफआईआर दर्ज की और 31,252 आरोपियों को गिरफ्तार किया। साथ ही, 1,350 किलोग्राम हेरोइन बरामद की गई, जो देशभर की कुल बरामदगी का लगभग 60% है। पंजाब की दोषसिद्धि दर 87% तक पहुँच गई है, जो पूरे देश में सबसे अधिक है।
Publish Date: Tue, 28 Oct 2025 05:26:35 PM (IST)
Updated Date: Tue, 28 Oct 2025 05:26:55 PM (IST)
“युद्ध नशे विरुद्ध”।HighLights
- 31 हजार से अधिक गिरफ्तारियां।
- नशा तस्करी पर सख्त नियंत्रण।
- साथ ही जन-जागरण अभियान।
फरवरी 2025 से मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में शुरू हुआ “युद्ध नशे विरुद्ध” अभियान पंजाब में निर्णायक मोड़ ले चुका है। इसका उद्देश्य सिर्फ अपराधियों की गिरफ्तारी नहीं, बल्कि समाज को नशे से मुक्त कर सकारात्मक जीवनशैली की दिशा देना है।
अब तक पंजाब पुलिस ने 20,469 एफआईआर दर्ज की और 31,252 आरोपियों को गिरफ्तार किया। साथ ही, 1,350 किलोग्राम हेरोइन बरामद की गई, जो देशभर की कुल बरामदगी का लगभग 60% है। पंजाब की दोष सिद्धि दर 87% तक पहुँच गई है, जो पूरे देश में सबसे अधिक है।
सरकार ने नशा तस्करों की अवैध संपत्ति को जब्त किया और पाकिस्तान सीमा पर 553 किमी एंटी-ड्रोन सिस्टम तैनात किया। 4,500 से अधिक गांवों ने खुद को “नशामुक्त ग्राम” घोषित किया। नवांशहर का लंगड़ोया गांव इस अभियान की मिसाल बन चुका है।
पंजाब में नशा पीड़ितों के पुनर्वास के लिए डी-एडिक्शन सेंटर मजबूत किए गए हैं। स्कूलों में 9वीं से 12वीं तक नशा विरोधी पाठ्यक्रम जोड़ा गया। लुधियाना की अमनजोत कौर कहती हैं, “सरकार की मदद से मैंने नशे से बाहर आकर नई जिंदगी शुरू की।”
मुख्यमंत्री मान ने कहा, “‘युद्ध नशे विरुद्ध’ केवल कानून का अभियान नहीं, बल्कि जनचेतना का आंदोलन है। यह पंजाब की आत्मा को सुरक्षित रखने की जंग है।”