hunting of rhinoceros in India । इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर केविन पीटरसन ने भारत में गैंडों के अवैध शिकार को रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा किए गए प्रयासों की भरपूर तारीफ की है। केविन पीटरसन ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत में वन्यजीवों की रक्षा के लिए काम करने वाले सभी लोगों मेरा सलाम। मैं उनमें से बहुत से मिला हूं और उन सभी का सम्मान करता हूं।" केविन पीटरसन ने इस बात का जिक्र किया कि भारत में गैंडों का शिकार लगभग खत्म हो चुका है।
Bravo, @narendramodi and bravo to all the men and women who sacrifice their lives in protecting the animals in India too. I’ve met lots of them and I respect you immensely! 🙏🏽 https://t.co/x4P0fZs5co
— Kevin Pietersen🦏 (@KP24) January 19, 2022
These are some of the brave men and women that protect the animals in India. Spending a few weeks last year with them was truly inspirational.
cc @narendramodi 🙏🏽 pic.twitter.com/1qsI3Amsk2
— Kevin Pietersen🦏 (@KP24) January 19, 2022
कांग्रेस शासनकाल में 167 गैंडों का शिकार
गौरतलब है कि असम में कांग्रेस पार्टी के शासन के दौरान 167 गैंडे का शिकार किया गया, वहीं 2021 में सिर्फ 1 गैंडे का ही शिकार हुआ है। इस लिहाज से देखा जाए तो साल 2021 में असम में गैंडों का शिकार बीते 21 सालों में सबसे कम हुआ है। चुनाव से पहले भाजपा ने सत्ता में आने से पहले ही वादा किया था कि वह एक सींग वाले गैंडों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी।
गैंडों के शिकार पर लगी पूरी तरह रोक
असम के राष्ट्रीय अभयारण्य में गैंडों के शिकार पर भी पूरी तरह रोक लगा दी गई है। असम के विशेष DGP जीपी सिंह काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान के अवैध शिकार रोधी कार्य बल (एपीटीएफ) के प्रमुख भी हैं। जीपी सिंह का कहना है कि अप्रैल 2021 में एक गैंडे का शिकार किया गया था, इसके अलावा एक भी मामला गैंडे के शिकार का सामने नहीं आया है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की गैंडों के शिकार को रोकने के लिए जून 2021 में एक टास्क फोर्स का गठन किया था।
असम का प्रतीक है एक सींग वाला गैंडा
गौरतलब है कि एक सींग वाले गैंडे को असम का प्रतीक माना जाता है। 2001-2016 के दौरान भारी तादाद में गैंडों का शिकार किया जा चुका है। सिर्फ 2013-14 में ही असम में 54 गैंडों का अवैध शिकार किया गया था। 2001-2016 के बीच काजीरंगा नेशनल रिजर्व और मानस में कुल 167 गैंडों का शिकार किया गया। असम में फिलहाल 3400 गैंडे हैं और लगातार प्रयास से इनकी संख्या में अब वृद्धि भी हो रही है।
Posted By: Sandeep Chourey