राजस्थान से आए टिड्डी दल ने मध्य प्रदेश के 22 जिलों में किसानों की नींद उड़ा दी है। मालवा, निमाड़ से लेकर महाकोशल-विंध्य तक के इलाके में इनका असर है। इनके हमले से मूंग, कपास, सब्जी और उद्यानिकी से जुड़ी फसलों को नुकसान पहुंचा है। प्रदेश के कृषि विभाग ने तय किया है कि प्रयोग के तौर पर टिड्डियों पर ड्रोन से कीटनाशक का छिड़काव कराया जाएगा। किसान भी अपने स्तर पर इस खतरे से निपट रहे हैं।
Photo Gallery : मध्य प्रदेश के 22 जिलों में टिड्डी दल ने उड़ाई किसानों की नींद


राजस्थान से आया टिड्डी दल दो हिस्सों में बंटकर आगे बढ़ रहा है। एक दल रायसेन होते हुए नरसिंहपुर जिले की सीमा में प्रवेश कर चुका है। यह दल सागर जिले की ओर बढ़ रहा है। वहीं दूसरा टिड्डी दल पन्ना से रीवा पहुंच चुका है जो व्हाइट टाइगर सफारी मुकुंदपुर के आसपास सक्रिय है। राज्य स्तर पर वनाए गए कंट्रोल रूम से समन्वय स्थापित कर जिले के अधिकारी टिड्डी दल के मूवमेंट की लगातार खबरें रहे हैं ताकि समय रहते किसानों को सचेत किया जा सके।

हवा का रुख भी टिड्डी दल की दिशा तय कर रहा है, इसलिए पूरे तौर पर कृषि वैज्ञानिक किसानों को यह नहीं बता पा रहे है कि टिड्डी दल का हमला कब कहां होगा।

कृषि विभाग को हेलिकॉप्टर और ड्रोन से टिड्डी दल को खत्म करने के लिए सुझाव मिले थे। अधिकारियों का कहना है रात में हेलिकॉप्टर से छिड़काव मुश्किल है। लेकिन ड्रोन का इस्तेमाल प्रयोग के तौर पर करने के लिए कहा गया है।

आगर मालवा जिले में सुबह पांचवीं बार टिड्डी दल आया। नलखेड़ा क्षेत्र में मंगलवार रात टिड्डियों ने खेतों और पेड़ों पर धावा बोल दिया। बुधवार अल सुबह दमकल वाहनों से दवा का छिड़काव किया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में टिड्डियां मारी गईं।

दमोह जिले के तेजगढ़ थाना की इमलिया चौकी के काला कोट में टिड्डी दल पहुंचा है। बड़ी संख्या में यहां टिड्डियों ने हमला किया है। सूचना मिलने के बाद तेंदुखेड़ा फायर ब्रिगेड वाहन ने पानी की बौछार कर टिड्डी दल का भगाया। इसके बाद टिड्डी दल अभाना की ओर चला गया।