Chaitra Maas 2023: चैत्र मास में धार्मिक कार्यों के अलावा स्वास्थ्य को लेकर भी सावधानी बरतनी चाहिए। चैत्र माह में गर्मी बढ़ने से वातावरण में विषाणु फैल जाते हैं। जिससे संक्रामक रोगों का खतरा बढ़ जाता है। इस महीने में बुखार और चेचक होने की अधिक संभावना होती है। इस रोग को ठीक करने के कुछ ज्योतिषीय उपाय हैं, जो बेहत फायदेमंद साबित होंगे।

नीम के पत्ते

आयुर्वेद में नीम की पत्तियों को सेहत के लिए फायदेमंद बताया है। चैत्र महीने में नीम के पत्ते सुबह खाली पेट चबाएं। इससे पेट के रोग और संक्रामक दूर रहेंगे। चैत्र मास में नीम के साथ मिश्री या गुड़ खाने से भी लाभ होता है।

दूध पीना बंद कर दें

चैत्र मास में दूध से परहजे करें। इसकी जगह आप दही खा सकते हैं। जहां राशि में चंद्रमा मजबूत होता है। वहीं दही और मिश्री का सेवन पेट को ठंडक पहुंचाता है।

नमक खाने से परहेज करें

चैत्र मास में हो सकते को नमक का सेवन कम करें। यदि नमक छोड़ना मुश्किल हो तो सेंधा नमक खा सकते हैं। ऐसा करने से धार्मिक दृष्टि से शुभ फल मिलते हैं।

तला हुआ खाना न खाएं

चैत्र के महीने में लोगों का पाचन तंत्र कमजोर होता है। इसलिए तैलीय और मसालेदार भोजन से परहेज करना चाहिए। चैत्र मास में अपच और उल्टी की समस्या अधिक होती है। इस मास में हल्का भोजन करना चाहिए।

सकारात्मक ऊर्जा के लिए करें यह उपाय

चैत्र माह में पेड़ के पत्तों के गिरने से आसपास के वातावारण का रंग फीका रगता है। मन में उदासी या निराशावादी विचार पनपने लगते हैं। घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार बढ़ाने के लिए रोजाना कपूर और नीम की सूखी पत्तियां जलाएं। ऐसा करने से आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा आएगी। वहीं सभी प्रकार के अशुभ प्रभाव समाप्त हो जाते हैं।

डिसक्लेमर

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rashifal
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