Guru Pushya 2023 इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि। वर्ष 2023 को तीसरा खरीदी का महामुहूर्त गुरु पुष्य का संयोग 25 मई को बनेगा। इस अवसर पर सर्वार्थ-अमृत सिद्धि और रवियोग का मंगलकारी संयोग बन रहा है। इसके साथ ही गुरु पुष्य योग में सूर्यदेव रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे और नवतपा की शुरुआत होगी। ज्योर्तिविदों के मुताबिक इस खास संयोग में सोना, चांदी के साथ चल-अचल संपत्ति की खरीदारी स्थाई लाभ प्रदान करेगी। इस दिन श्रीहरि के पूजन से महालक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।

ज्योर्तिविद् कान्हा जोशी के मुताबिक इस वर्ष खरीदी का महामुहूर्त गुरु पुष्य का संयोग चार दिन बन रहा है। इसमें पहला 30 मार्च, दूसरे 27 अप्रैल को था और तीसरा 25 मई को होगा। इस बार दीपावली से पहले भी गुरु पुष्य का संयोग नहीं बन रहा है। अंतिम गुरु पुष्य 28 दिसंबर को होगा। गुरु पुष्य का योग सूर्योदय से शाम 5 बजकर 54 मिनट तक रहेगा। इसके चलते दिनभर खरीदारी मंगलकारी होगी।

ज्योर्तिविद् आचार्य शिवप्रसाद तिवारी के अनुसार इस दिन भगवान हरि का पूजन और अभिषेक करने से जीवन की आर्थिक परेशानियां दूर होती है। इसके साथ ही आरोग्य और आयु में वृद्धि होती है। पुष्य को शनिदेव का नक्षत्र है जो 27 नक्षत्रों में सबसे उत्तम माना गया है। पुष्य को नक्षत्रों का राजा भी माना गया है। पुष्य नक्षत्र पर शनि, गुरु और चंद्र का प्रभाव रहने खरीदारी और नए कार्य की शुरुआत के लिए मंगलकारी माना गया है। इसके स्वामी शनि और अधिष्ठाता देव बृहस्पति माने गए है। इस दिन श्रीसूक्तम और कनकधारा स्त्रोत का पाठ करना शुभफलदायी होती है।

रोहिणी नक्षत्र में होंगे सूर्यदेव, आज से शुरू हो नवतपा

ज्योर्तिविद् विनित शर्मा के अनुसार 25 मई से नवतपा की शुरुआत होगी जो 3 जून तक रहेगा। नवतपा में सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करता है। नवतपा को लेकर कई मान्यताएं प्रचलित है। इन नौ दिनों में मौसम की स्थित को देखकर वर्षा की भविष्याणी की जाती है। कहा जाता है कि नवतपा में जितनी ज्यादा गर्मी पड़ती है, उतनी ज्यादा वर्षा होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इन दिनों में सुबह जल्दी उठकर सूर्य को अर्घ्य देने से आरोग्यता की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही जल सेवा करना भी विशेष लाभदायक होता है।

Posted By: Sameer Deshpande

rashifal
rashifal