उत्तराखंड में पौड़ी जिले के डेवडाली गांव में रहने वाली एक लड़की चर्चा का विषय बनी हुई है। संगीता नाम की लड़की को बीते एक माह में एक सांप करीब 5 बार डस चुका है, लेकिन वह बिल्‍कुल सही सलामत है।

दरअसल 1976 में आई फिल्‍म 'नागिन' में एक इच्‍छाधारी नागिन अपने प्रेमी की हत्‍या का बदला लेने के लिए पांच लोगों को मारने निकल पड़ती है और इसमें काफी हद तक सफल भी रहती है। यह तो फिल्म की एक काल्पनिक कहानी थी लेकिन संगीता के साथ ऐसा ही कुछ हो रहा है। क्योंकि कुछ दिन पहले उसने भी एक नाग को मार दिया था।

क्या सचमुच में आधुनिक युग में नागिन जैसा काल्पनिक चरित्र मौजूद है? यदि हम भारतीय पौराणिक ग्रंथों पर गौर करें तो नागवंश का जिक्र मिलता है, जो आधे मनुष्य और आधे नाग होते थे। ऐसी ही कई पौराणिक कथाओं में नागकन्याओं का जिक्र भी मिलता है। लेकिन विज्ञान और सर्प विशेषज्ञ मानते हैं कि इच्छाधारी नागिन का चरित्र पूरी तरह से काल्पनिक है।

यदि पुराणों पर करते हैं यकीन

हिंदू पौराणिक ग्रंथ पर गौर करें तो महाभारत में उल्लेखित है कि पांडु पुत्र अर्जुन ने नागकन्या उलूकी से विवाह किया था। अर्जुन और उलूकी के पुत्र अरावन थे, जिनके कई मंदिर दक्षिण भारत में मौजूद हैं। भीम के पुत्र घटोत्कच का विवाह भी एक नागकन्या से ही हुआ था जिसका नाम अहिलवती था ‍और जिसका पुत्र वीर योद्धा बर्बरीक था।

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किंवदंतियों के अनुसार नाग प्रजाति के मानव कश्मीर में निवास करते थे। आज भी कश्मीर के बहुत से स्थानों के नाम नागकुल के नामों पर ही आधारित हैं, जैसे अनंतनाग शहर, शेषनाग झील। बाद में नागकुल के लोग झारखंड और छत्तीसगढ़ में आकर बस गए थे, जो उस काल में दंडकारण्य कहलाता था।

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चीन की पौराणिक कहानियों में भी इच्छाधारी नाग का जिक्र मिलता है। इस पौराणिक कथा के अनुसार, 'ए मए सान पहाड़ में दो सांप रहते थे, जिनमें एक सांप सफेद और दूसरा हरा था। दोनों सांप एक हजार साल की तपस्या के बाद दो सुन्दर औरत बन जाते हैं और प्राचीन चीनी शहर सी हू के नजदीक झील रहने लगते हैं। प्राचीन चीन की इस इच्छाधारी नागिन की कहानी पर काफी कुछ लिखा गया है। और 'द सॉर्सरर एंड द व्हाइट स्नेक' नाम की प्रसिद्ध फिल्म भी बन चुकी है।'

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