Pitru Paksha 2022: पितृपक्ष की शुरुआत आज (शनिवार) से हो गई है। पहले दिन पूर्णिमा तिथि का श्राद्ध किया जाएगा। शास्त्रों के अनुसार श्राद्ध करने से पितृ प्रसन्न होते हैं। वहीं घर-परिवार में सुख-शांति बनी रहती है। पितृ पक्ष के दौरान मांस, मछली, शराब आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके साथ 16 दिन यानी 25 सितंबर को पितृमोक्ष अमावस्या तक लोग तालाबों के घाटों और मंदिर परिसर में पितरों को तर्पण देंगे। कई लोग पिंडदान करने गयाजी, उज्जैन, हरिद्वार आदि तीर्थ स्थल जाएंगे। श्राद्ध कर्म ब्राह्मण से करवाना चाहिए। यदि ऐसा न कर पाएं तो घर पर सरल विधि से श्राद्ध कर्म कर सकते हैं। बता दें कि श्राद्ध कर्म शुभ फलों को प्रदान करने वाला होता है।

- पितरों की श्राद्ध तिथि पर सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। फिर घर को गंगाजल और गौमूत्र छिड़ककर शुद्ध करें।

- घर के आंगन या मुख्य द्वार पर रंगोली बनाएं। दोपहर 12 बजे से पहले श्राद्ध के लिए तैयारियां पूरी कर लें।

- घर की महिला श्राद्ध के लिए भोजन बनाएं। इस बात का ध्यान रखें कि खाने में लहसुन-प्याज का इस्तेमाल न करें।

- जिस जातक को श्राद्ध करना है। वह दक्षिण दिशा की ओर मुख करके बैठे और पितरों को प्रणाम करें।

- जिसका श्राद्ध करना है, उसका चित्र स्थापित करें। अब तिलक लगाएं और हार पहनाएं।

- एक बर्तन में काले तिल, गाय का दूध और पानी मिलाएं। उस जल को दोनों हाथों में भरकर सीधे हाथ के अंगूठे से बर्तन में गिराएं। वहीं मंत्र ऊँ पितृ देवताभ्यों नमः का जाप करें।

- एक कंडे को सुलगाकर उसपर 5 बार घी और गुड़ डालें। इसके बाद थोड़ी भोजन सामग्री डालें।

- लोटे से दाहिने हाथ में जल लेकर अंगूठे के माध्यम से जमीन पर छोड़ दें। प्रणाम कर पूर्वजों की शांति के लिए प्रार्थना करें।

- गाय, कुत्ते, चींटी और कौए के लिए खाना निकालें। ब्राह्मण को भोजन करवाएं और दान-दक्षिणा दें।

- इस प्रकार आप घर पर ही श्राद्ध कर सकते है। इससे पितृ प्रसन्न होंगे और आशीर्वाद देंगे।

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Posted By: Arvind Dubey

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