Shani Margi 2022: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि ग्रह को काफी खास ग्रह माना गया है। सभी ग्रहों में शनि सबसे धीमी चाल चलने वाले ग्रह हैं। यह किसी एक राशि में करीब ढाई साल तक रहते हैं। इस कारण से इनका प्रभाव ज्यादा दिनों तक जातकों के ऊपर रहता है। शनि को कर्मफलदाता और न्यायाधिपति कहा जाता है। शनिदेव जातकों को उसके द्वारा किए गए कर्मों के आधार पर शुभ और अशुभ फल प्रदान करते हैं। शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या सभी के मन में डर पैदा करती है। वर्तमान में शनिदेव कुंभ राशि में वक्री हैं। कुंभ, शनि की स्वराशि है। कुंभ राशि शनि की प्रिय राशियों में से एक है। आइए जानते हैं कि कुंभ राशि पर से शनि की साढ़ेसाती का असर कब खत्म होगा।

शनि की मौजूदा स्थिति

शनि इस समय मकर राशि में उल्टी चाल चल रहे हैं। इससे पहले शनि 29 अप्रैल 2022 को मकर राशि की अपनी यात्रा को विराम देते हुए कुंभ राशि में प्रवेश किया था। इसके बाद 12 जुलाई 2022 को वक्री चाल चलते हुए दोबारा मकर राशि में प्रवेश कर गए। जिसके कारण कुंभ राशि वालों की परेशानियां बढ़ सकती हैं।

कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती का दूसरा चरण

इस समय धनु, मकर और कुंभ राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है। 29 अप्रैल 2022 को शनिदेव मकर से कुंभ राशि में प्रवेश कर गए थे। जिस कारण से कुंभ राशि के जातकों पर शनि की साढ़ेसाती का दूसरा चरण आ गया था। ज्योतिष में शनि की साढ़ेसाती के तीन चरण होते हैं। जिसमें से दूसरा चरण काफी कष्टकारी होता है। कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती का दूसरा चरण कई महीनों तक रहने वाला है।

कब खत्म होगी कुंभ राशि से साढ़ेसाती

ज्योतिष की गणना के अनुसार शनिदेव अभी मकर राशि की यात्रा पर हैं। शनि के मकर राशि में होने से धनु, मकर और कुंभ राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है। वहीं अगर शनि की ढैय्या की बात करें तो मिथुन और तुला राशि वालों पर शनि की ढैय्या है। कुंभ राशि के जातकों पर शनि की साढ़ेसाती 24 जनवरी 2022 से प्रारंभ हुई थी जो कि 03 जून 2027 तक रहेगी।

साढ़ेसाती के प्रभाव को कम करने के उपाय

शनि की साढ़ेसाती काफी कष्टकारी मानी जाती है। शनि की साढ़ेसाती तीन चरणों में होती है। दूसरा चरण काफी कष्टकारी माना जाता है। शनि की साढ़ेसाती का दूसरा चरण व्यक्ति को कई तरह की आर्थिक, मानसिक और शारीरिक परेशानियां देता है।

- स्नान के बाद साफ कपड़े पहनकर घर या शनिदेव के मंदिर में जाकर पूजा करनी चाहिए।

- शनि दोष से मुक्ति पाने के लिए घर में शमी का पेड़ लगा लें। पेड़ की सुबह-शाम पूजा करें। माना जाता है कि शमी के पेड़ में शनिदेव विराजमान रहते हैं।

- शनिवार के दिन सरसों के तेल और काले तिल से शनि देव की पूजा करें। साथ ही शनि चालीसा का पाठ करें।

- भगवान शिव की पूजा करने से भी साढ़े साती समाप्त हो जाती है। शनिवार को शिव चालीसा और महामृत्युंजय का पाठ करें।

- शनिदेव ने एक बार हनुमान जी को वरदान दिया था कि हनुमान जी भक्तों को परेशान नहीं करेंगे। हनुमान जी की पूजा से भी शनिदोष समाप्त हो जाता है। नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे तो शनि दोष से मुक्ति मिल जाएगी।

- शनि के प्रभावों के बचने के लिए शनिवार के दिन व्रत रखें और शनिदेव की पूजा करें। साथ ही उन्हें नीले फूल अर्पित करें।

- शनिवार के दिन दान-पुण्य करने से भी शनि दोष दूर हो जाते हैं।

- शनिवार के दिन सुंदरकांड का पाठ करने से भी शनि दोष से जुड़ी कई समस्याओं से मुक्ति मिल जाती है।

- शनिवार के दिन लोहे की बनी चीजों का त्याग करें और उन्हें न खरीदें।

Astro Tips: घर में होने वाले कष्टों और कलह से हैं परेशान तो मुक्ति के लिए आज ही कर लें ये उपाय

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।'

Posted By: Ekta Shrma

rashifal
rashifal
  • Font Size
  • Close