सनातन धर्म में भूत-प्रेत से बचने के कई उपाय बताए गए हैं। चरक संहिता में प्रेत बाधा से पीड़ित रोगी के लक्षण और निदान के उपाय विस्तार से मिलते हैं। ज्योतिष साहित्य के मूल ग्रंथों- प्रश्नमार्ग, वृहत्पराषर, होरा सार, फलदीपिका, मानसागरी आदि में ज्योतिषीय योग हैं जो प्रेत पीड़ा, पितृ दोष आदि बाधाओं से मुक्ति का उपाय बताते हैं। अथर्ववेद में भूतों और दुष्ट आत्माओं को भगाने से संबंधित अनेक उपायों का वर्णन मिलता है। आइये जानते हैं प्रेत बाधा को दूर करने के 5 प्रमुख उपाय कौन से हैं।

1. सनातन धर्म में ॐ का सबसे ज्यादा महत्व है। घर के मुख्य द्वार पर ॐ का प्रतीक चिन्ह लगाने से घर में नकारात्मक ऊर्जा कभी प्रवेश नहीं करती है। इसके साथ ही घर के सभी सदस्यों को अभिमंत्रित ताबीज धारण करना चाहिए।

2. भूत, प्रेत, पिशाच, डाकिनी जैसी बुरी आत्माओं से रक्षा करने के लिए घी या सरसों के तेल का दीपक प्रज्वलित करें। इस दीप से काजल बना लें। ये उपाय दीवाली की रात करना चाहिए। इस काजल को लगाने से बुरी शक्तियां दूर रहती हैं।

3. रात्रि भोजन के पश्चात चांदी के कटोरे में कर्पूर व लौंग जला दें। यह उपाय देवस्थान या किसी पवित्र स्थान पर इससे आकस्मिक आने वाले संकटों से बचेंगे व बुरी शक्तियां दूर रहेंगी। यह उपाय सोने से पूर्व करें।

4. धतूरे का पौधा पुष्य नक्षत्र में जमीन में इस तरह से दबाएं कि जड़ वाला हिस्सा ऊपर रहे इससे प्रेत बाधा नही आती एवं परिवार में सुख शांति बनी रहती है। घर में कभी नकारात्मक शक्तियां नहीं आती है।

5. अशोक के पेड़ के सात पत्ते मंदिर में रखकर उनकी पूजा करें। इन पत्तों के सूखने पर नए पत्ते रखें। जो पत्ते सूख गए हैं उन्हें पीपल के पेड़ के नीचे पुनः रख दें। ऐसा करने पर भूत-पिशाच निकट नहीं आएंगे।

डिसक्लेमर

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Posted By: Navodit Saktawat

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