ज्योतिष में शनि ग्रह को सबसे धीमी चाल चलने वाला बताया गया है। शनि ग्रह न्याय, नौकरी, राजयोग आदि का कारक होता है। 31 जनवरी को शनि देव कुंभ राशि में अस्त हो जाएंगे। ठीक 35 दिन बाद उदय होंगे। शनि के इस गोचर का प्रभाव न्याय, नौकरी, राजयोग से जुड़े सभी सेक्टर पर व्यापक स्तर पर देखने को मिलेगा। प्राइवेट जॉब करने वालों के लिए समय थोड़ा कठिन रहेगा। स्वास्थ्य से जुड़ी गंभीर समस्याएं आपको परेशान करेंगी। शनि के अस्त होने से इन 4 राशियों पर सबसे ज्यादा असर होगा।

शनि अस्त होने का मुहूर्त

शनि के अस्त होने का समय – 31 जनवरी, 2023 (मंगलवार) को दोपहर 2 बजकर 46 मिनट

शनि के उदय होने का समय – 5 मार्च, 2023 (रविवार) को रात्रि 8 बजकर 25 मिनट

बता दें कि इस बार जनवरी माह में सूर्य, शनि, मंगल, सहित कई बड़े ग्रहों का गोचर हुआ है। अब इसी क्रम में एक और अंतिम गोचर 31 जनवरी को होने जा रहा है। इस दिन न्याय के देवता शनि ग्रह कुंभ राशि में अस्त होंगे। इस घटना को शनि का डूबना भी कहा जाता है। शनि के इस गोचर का सभी राशियों पर न्यूनाधिक असर होगा।

मेष

मेष राशि के जातको के दसवें घर में शनि देव अस्त होंगे। शनि के अस्त होने से आपकी प्रोफेशनल लाइफ में परेशानियां शुरू होंगी। आप पैसों के लेन-देन को लेकर झूठ या गलत आरोपों में फंस सकते हैं। शनि के उदय होने तक यानी 31 जनवरी से 35 दिनों तक किसी भी प्रकार निवेश न करें। आपका वैवाहिक जीवन में परेशानियों से घिरा रहेगा। शिवलिंग पर जल से अभिषेक करना आपके लिए उत्तम रहेगा।

कर्क

कर्क राशि के सातवें घर में शनि अस्त होगा। इस गोचर से आपको व्यापार और नौकरी में कई समस्याएं आएंगी। 5 मार्च तक आपको किसी भी प्रकार नया काम करने से बचना होगा। खासतौर पर नया व्यापार तो भूलकर भी ना करें। मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी की पूजा करने से आपके सितारे बुलंदी पर पहुंच जाएंगे।

सिंह

सिंह राशि के छठवें भाव में शनि देव अस्त होंगे। इस समयकाल में आपको कोई गंभीर बीमारी परेशान कर सकती है। बीमारियों की वजह से खर्च ज्यादा होगा। पैसों की तंगी आपको मानसिक परेशानी देगी। शनिवार का व्रत रखना सिंह राशि की समस्याओं को कम करेगा।

कुंभ

शनि कुंभ राशि में ही अस्त हो रहा है, ऐसे में कुंभ राशि पर ही इसका सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ेगा। अगर आप नौकरी छोड़ने का मन बन रहे हैं, तो कुछ समय के लिए इस विचार पर विराम लगा दें। अभी सही समय नहीं है। आर्थिक स्थिति से लेकर पारिवारिक स्थिति तक सभी पर इसका नेगेटिव असर पड़ सकता है। वैवाहिक जीवन में भी मनमुटाव बना रहेगा। प्रत्येक शनिवार को किसी गरीब व्यक्ति को खाना खिलाने से प्रतिकूल प्रभाव खत्म होगा।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें

Posted By: Navodit Saktawat

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