Amarnath Yatra 2022 । कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच अमरनाथ यात्रा 30 जून से शुरू होने वाली है, इसके लिए दक्षिण कश्मीर में अभूतपूर्व सुरक्षा व्यवस्था की गई है। इस वार्षिक अमरनाथ यात्रा के लिए अभी तक करीब 3 लाख तीर्थयात्रियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड ने अपनी वेबसाइट पर यह जानकारी दी है।

श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड करता है प्रबंधन

हर साल अमरनाथ यात्रा का प्रबंधन श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड की ओर से किया जाता है। अमरनाथ यात्रा दो मार्गों दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में पारंपरिक 48 किलोमीटर की नुनवान और मध्य कश्मीर के गांदरबल में 14 किलोमीटर छोटी बालटाल से से शुरू होगी। कोरोना महामारी के कारण बीते 2 साल के अंतराल के बाद यह पवित्र यात्रा शुरू की गई है। अमरनाथ यात्रा के पंजीकरण के लिए देशभर के विभिन्न बैंकों की 566 नामित शाखाओं के माध्यम से हो रहा है।

30 जून को रवाना होगा यात्रियों का पहला जत्था

अमरनाथ यात्रा के लिए यात्रियों का पहला जत्था जम्मू से 30 जून को रवाना होगा। अमरनाथ यात्रा पर आतंकी हमले के खतरे के मद्देनजर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। सुरक्षा एजेंसियों द्वारा “त्रिनेत्र सुरक्षा कवच” बनाया गया है, जो हर खतरे को नाकाम करने में सक्षम है। अमरनाथ यात्रा के दौरान चप्पे-चप्पे पर ड्रोन और CCTV से निगरानी की जाएगी और कंट्रोल रूम भी बनाया गया है। आतंकी खतरे के मद्देनजर श्रीनगर से लेकर बालटाल तक यात्रा के दोनों तरफ पहाड़ी इलाकों में भी CRPF की चौकियों का निर्माण किया गया है।

मुस्लिम चरवाहे ने खोजी थी अमरनाथ गुफा

हिंदू तीर्थयात्रियों के लिए अमरनाथ यात्रा का विशेष महत्व है। अमरनाथ गुफा की खोज जम्मू-कश्मीर के पहलगाम गांव के एक मुस्लिम परिवार ने की थी। ऐसा माना जाता है कि इस परिवार के एक चरवाहे ने इस गुफा की खोज की। अमरनाथ गुफा भगवान शिव के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। अमरनाथ को तीर्थों का तीर्थ कहा जाता है क्योंकि यहां भगवान शिव ने मां पार्वती को अमरत्व का रहस्य बताया था।

Posted By: Sandeep Chourey

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