नईदुनिया प्रतिनिधि, सतना। चित्रकूट के कामदगिरी पर्वत में विराजे भगवान कामतानाथ देशभर की आस्था का केंद्र हैं। दर्शन व परिक्रमा करने वाले भक्त दान पेटियों में दक्षिणा डालते हैं। बुधवार को समिति गठित होने के बाद पहली बार प्रशासन की निगरानी में चित्रकूट कामदगिरी पूर्वी प्राचीन मुखारविंद की एक दान पेटी खोलकर गिनती की गई, जो रात आठ बजे तक चली। दो दान पेटियों की गिनती करना अभी शेष है। पहली बार भगवान ‘कामतानाथ’ का बैंक में खाता खुलवाया गया है। गुरुवार को एक दान पेटी से निकली एक लाख पांच हजार 885 रुपये की राशि जमा करा दी गई है।
प्रशासन ने भगवान कामतानाथ महाराज का खाता यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में खोला है। प्रशासन ने दान के लिए नई व्यवस्था के तहत प्रभु कामतानाथ महाराज के खाते का स्कैनर भी मंदिर के अंदर लगवाया है। इससे भक्त अपनी भेंट राशि सीधे प्रभु के खाते में डाल सकते हैं। यह स्कैनर पुजारी की देखरेख में ही रहेगा। प्राचीन मुखारबिंद कामतानाथ समिति गठित की गई है, जिसके प्रबंधक कलेक्टर सतीश कुमार एस., अध्यक्ष एसडीएम, कोषाध्यक्ष नायब तहसीलदार के अलावा महंत भरत शरण, एसडीओ पीडब्ल्यूडी व दो संभ्रात नागरिक हैं।
नायब तहसीलदार कमलेश सिंह ने बताया कि अभी दान पेटी में खराब नोट निकले हैं। इसलिए दान पेटियों की डिजाइन में भी बदलाव किया जाएगा। इन्हें और ज्यादा सुरक्षित व इस प्रकार तैयार कराया जाएगा ताकि दान पेटियों के अंदर अनावश्यक वस्तुएं न जा पाएं।
प्रशासन की निगरानी में पहली बार पूर्वी प्राचीन मुखारविंद की पहली दान पेटी की गिनती कराई गई। अभी दो दान पेटी की गिनती होना बाकी है। दान पेटी में पानी, चावल इत्यादि चले जाने से बहुत से नोट खराब मिले हैं। इन्हें अलग रखवा दिया गया है।
-कमलेश सिंह, नायब तहसीलदार व कोषाध्यक्ष।