Chaitra navratri 2023: उज्जैन (नईदुनिया प्रतिनिधि)। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा गुड़ी पड़वा पर 22 मार्च को चैत्र नवरात्र का आरंभ होगा। इस बार चैत्र नवरात्र में ग्रह नक्षत्रों का विशेष संयोग बन रहा है। इस संयोग में देखी आराधना करने से शुभफल की प्राप्ति होगी। विशेष यह है कि चंद्र गुरु आदित्य योग में देवी आराधना का पर्व शुरू होगा। नवरात्र के नौ दिनों में चार सर्वार्थसिद्धि तथा एक अमृत सिद्धि योग बनेंगे। इनकी साक्षी में नए प्रतिष्ठान का शुभारंभ व भूमि, भवन की खरीदी करना विशेष शुभ है। ज्योतिषाचार्य पं. अमर डब्बावाला ने बताया भारतीय ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहों की अपनी गति होती है। इसी में यदि त्योहार या पर्व काल विशेष का आरंभ हो तो वह विशेष संयोग के अनुक्रम से जोड़ा जाता है। इस बार चैत्र नवरात्र का आरंभ बुधवार के दिन उत्तराभाद्रपद नक्षत्र, शुक्ल उपरांत ब्रह्म योग, किंस्तुघ्न करण उपरांत बालव करण तथा मीन राशि के चंद्रमा की साक्षी में हो रहा है।

चैत्र नवरात्र है बहुत खास

यही नहीं ग्रह गोचर की गणना से देखे तो मीन राशि पर चंद्र, सूर्य, गुरु का त्रिग्रही युति संबंध भी रहेगा। चंद्र, गुरु, सूर्य का संयोग अपने आप में विशेष माना जाता है। गुरु आदित्य के साथ चंद्रमा का होना धर्म अध्यात्म की दृष्टि से विशेष माना जाता है। यह सनातन धर्म को आगे बढ़ाने वाले योग भी बताया जाते हैं। इस दृष्टि से यह नवरात्र खास है।

बृहस्पति वर्ष की गणना से 12 वर्ष बाद का संयोग

ग्रहों के परिभ्रमण की अपनी एक अलग ही व्यवस्था होती है। इस गणना के आधार पर हम देखें तो बृहस्पति का राशि चक्र अर्थात बृहस्पति का एक राशि में परिभ्रमण तकरीबन 1 वर्ष का होता है। अर्थात गुरु को पुन: उसी राशि में आने में 12 वर्ष का समय लगता है। इस दृष्टि से मीन राशि पर बृहस्पति का पुनः परिभ्रमण का अनुक्रम 12 वर्ष बाद बन रहा है। चूंकि चैत्र नवरात्र का आरंभ मीन राशि के सूर्य से ही विशेष रूप से संबंध होता है। इस दृष्टि से गुरु आदित्य योग बना, यह योग विशेष मान्यता रखता है क्योंकि इस युग में धर्म अध्यात्म के नए अनुसंधान और युग परिवर्तन की क्षमता होती है इस दृष्टि से इस योग का महत्व है।

सर्वार्थसिद्धि व अमृत सिद्धि योग कब-कब

- 23 मार्च- सुबह 6.32 से सर्वार्थ सिद्धि योग

- 24 मार्च- दिनभर सर्वार्थसिद्धि योग की साक्षी

- 27 मार्च- सुबह 6.28 से 28 तारीख दोपहर 1:27 तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। इसी दिन अमृत सिद्धि योग के साथ गुरु पुष्य का महासंयोग भी रहेगा। नवीन कार्यों के शुभारंभ व खरीदी के लिए यह महामुहूर्त रहेगा।

हरसिद्धि में सामूहिक दीपमालिका प्रज्वलित होगी

देश के 52 शक्तिपीठों में से एक शक्तिपीठ हरसिद्धि में चैत्र नवरात्र के नौ दिन माता हरसिद्धि का विशेष पूजन व नितनया शृंगार होगा। शाम को भक्तों के सहयोग से सामूहिक दीपमालिका प्रज्वलित की जाएगी। सामूहिक दीपमालिका प्रज्वलित कराने के लिए श्रद्धालु मंदिर कार्यालय में 3100 रुपये में बुकिंग करा सकते हैं।

Posted By: Prashant Pandey

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