Chaitra Navratri 2023: चैत्र नवरात्रि इस साल 22 मार्च से शुरू हो रही है और इसकी तैयारियों में भक्त पूरी तरह जुट गए हैं। नवरात्रि के नौं दिनों को पूरे देश में बड़ी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। आपको बता दें कि नवरात्रि के इन नौ दिनों की शुरुआत कलश स्थापना से होती है।
मान्यता है कि कलश स्थापना करने से घर में मां दुर्गा का आह्वान किया जाता है और वे घर में विराजमान रहती हैं। इसलिए कलश स्थापना से पहले कुछ नियम जान लें जिससे आपकी पूजा सफल हो और देवी मां प्रसन्न होकर आपको आशीर्वाद प्रदान करें। तो आइए जानते हैं कि वास्तु के अनुसार कैसे करें माता की मूर्ति और माता का मंदिर कैसे तैयार किया जाए-
1. मूर्ति की स्थापना
सबसे पहले जान लें कि नवरात्रि में अगर आप माता रानी की प्रतिमा या कलश स्थापना कर रहे हैं तो ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व दिशा में करें। क्योंकि इस दिशा में देवताओं का वास होता है।
2. अखंड ज्योति की स्थापना
नवरात्रि में अखंड ज्योति की स्थापना करने के लिए आग्नेय कोण को चुनना चाहिए। क्योंकि इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह दिशा शुभ मानी जाती है।
3. चंदन की चौकी
वास्तु के अनुसार, माता को विराजमान करने के लिए लकड़ी या लकड़ी में भी चंदन की चौकी होतो ज्यादा अच्छा है, इसका इस्तेमाल करना चाहिए। क्योंकि चंदन को शुभ और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करने का केंद्र माना जाता है। साथ ही ये वास्तु दोषों का भी नाश करते हैं।

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यह भी पढ़ें 4. माता के श्रृंगार में करें इन रंगों का इस्तेमाल
नवरात्रि में माता रानी के श्रृंगार में लाल और पीले रंग का इस्तेमाल करना चाहिए। क्योंकि पीला रंग जीवन में उत्साह, चमक और प्रसन्नता लाता है और लाल रंग जीवन में उमंग लाता है। वास्तु के अनुसार भी रंगों का इस्तेमाल घर में सकारात्मक ऊर्जा लाता है।
5. मुख्य द्वार
नवरात्रि के नौं दिनों में मुख्य द्वार पर स्वास्तिक का चिन्ह बनाना चाहिए। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा रहती है, साथ ही घर के मुख्य द्वार को आम के पत्तों से सजाना चाहिए। जिससे घर सुंदर लगता है और घर में शुभता बनी रहती है।
6. गोबर का प्रयोग
नवरात्रि के दौरान घर के आंगन को गोबर से लीपना चाहिए और अगर गोबर ना हो तो घर के आंगन में 7 कंडे टांग देने चाहिए। ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का आएगी और देवी मां का घर में वास होता है।
Posted By: Arvind Dubey