Chaitra Navratri 2023। इस बार चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ बुधवार 22 मार्च से हो चुका है। हालांकि, इस चैत्र नवरात्रि के दौरान कई शुभ योग बन रहे हैं और मां भगवती नौका पर सवार होकर आई है, इसलिए इस दौरान रखे गए व्रत और की गई पूजा अन्य नवरात्रि की तुलना में कई गुणा फल प्रदान करेगी। इस बार मां का विशेष आशीर्वाद बना रहेगा और खासतौर पर महिलाओं के लिए यह काफी फलदायी होंगे।

इस संबंध में आध्यात्मिक गुरु और कथा वाचक श्री देवकीनंदन ठाकुर जी ने नवरात्रि के दौरान बन रहे शुभ योग, कलश स्थापना के शुभ मुहूर्त, बरती जाने वाली सावधानियों समेत कई जरूरी जानकारियां देता हुए एक वीडियो पोस्ट किया है। इस पोस्ट के जरिये कोई भी श्रद्धालु मां भगवती की पूजा-अर्चना और सावधानियों के बारे में जान सकता है।

देवकीनंदन ठाकुर जी कहते हैं कि इस बार नवरात्रि में बहुत विशेष योग बन रहा है। जो भी इस दौरान माता, अपने ईष्ट की पूजा करेंगे, उन्हें श्रेष्ठ फल मिलेंगे। इस बार नवरात्रि घट नहीं रही हैं और पूरे नौ दिन तक चलेगी नवरात्रि, यानी पूरे नौ के नौ दिन। इन नवरात्र पर व्रत रखने का पूर्ण फल मिलेगा। 22 मार्च को घट यानी कलश स्थापना का सबसे शुभ मुहूर्त सुबह 6.23 से 7.32 बजे तक है। यह कलश स्थापना का सर्वश्रेष्ठ वक्त है।

वहीं, ठाकुर जी ने सलाह देते हुए कहा कि काफी लोग आलसी होते हैं, विलंब से उठते हैं और उनके यहां झाड़ू-पोछा भी देरी से होता है। लेकिन नवरात्रि के दौरान खुद को बदलें और सुबह समय पर उठकर नहा-धोकर पूजा-पाठ करें। फिर भी अगर गलती से चूक जाएं, तो कलश को अभिजीत मूहुर्त में भी स्थापित किया जा सकता है। इस बार भगवती माता नौका में सवार होकर आ रही हैं। इस सुख-समृद्धि प्रदान करने वाली घड़ी का हमें पूर्ण सदुपयोग करना चाहिए। नवरात्रि के दौरान प्रातःकाल सुबह जल्दी उठे और नियमित रूप से पूजा करें।

बनेंगे ये शुभ योग

शुभ योग की जानकारी देते हुए वह कहते हैं कि इस नवरात्रि के दौरान कई शुभ योग बन रहे हैं। इनमें गजकेसरी योग, बुद्धादित्य योग, हंस योग, शशि योग, धर्मात्मा राजलक्षण योग शामिल है। इन दिनों में ये शुभ योग बनते रहेंगे। इस दौरान अगर हम माता, अपने ईष्ट देव की नियमित पूजा करेंगे, तो हमें अन्य नवरात्रि की तुलना में इस बार कई गुणा ज्यादा फल मिलेगा। यह सौभाग्य का सूचक माना गया है। इस वक्त मां भगवती हम सब पर कृपा बरसाने के लिए नौका पर आ रही है। इसलिए समझा जा सकता है कि वर्षा अधिक होगी और महिलाओं की पढ़ाई या अन्य काम को करने का सुअवसर प्राप्त होगा।

इन बातों की रखें सावधानी

वहीं, इस दौरान बरती जाने वाली सावधानियां बताते हुए उन्होंने कहा कि इन दिनों में घर में क्लेश नहीं होना चाहिए। मांस-मदिरा, लहसुन-प्याज का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। जितनी ज्यादा हो सके माता की पूजा करना चाहिए। घर में भजन-कीर्तन आदि करने चाहिए और विवाद से बचना चाहिए।

Posted By: Sandeep Chourey

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