Chandra Grahan 2020 LIVE Updates: 5 जुलाई, रविवार को चंद्रग्रहण सुबह 8:37 बजे भारतीय समयानुसार IST से शुरू हो गया है। और 11:22 बजे पर समाप्त होगा। ग्रहण सुबह 9:59 बजे अपने चरम पर पहुंच जाएगा। पेनुमब्रल यानी उपछाया चंद्रग्रहण का लाइवस्ट्रीम यूट्यूब चैनलों पर उपलब्ध है, जिसमें स्लोहैंड और वर्चुअल टेलीस्कोप वेबसाइट शामिल हैं। यह साल का तीसरा चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan) है। ये एक उपच्छाया चंद्र ग्रहण (Penumbral Lunar Eclipse) होगा, इसी वजह से इसके कई अर्थ बदल जाते हैं। इस बार का Chandra Grahan गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) पर लग रहा है, तो ऐसे में इससे भी एक धार्मिक मान्यता जुड़ जाती है। यहां पढ़ें इससे जुड़ी ताजा अपडेट।
गुरू पूर्णिमा का संयोग
इस बार चंद्रग्रहण में ख़ास बात ये है कि संयोग से उसी दिन गुरुपूर्णिमा (Guru Purnima) भी पड़ रही है। इस बार का चंद्रग्रहण खंडच्छायायुक्त चंद्रग्रहण (penumbral Lunar eclipse) है। इसकी एक और खास बात ये है कि ये भारत में दिखाई नहीं देगा। ये ग्रहण अमेरिका, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा। चंद्रग्रहण की कुल अवधि 02 घण्टे 43 मिनट की होगी।
चंद्रग्रहण का पड़ सकता यह प्रभाव
ज्योतिषियों का कहना है कि किसी भी मास में दो या दो से अधिक ग्रहण होना आम जनमानस के लिए कष्टकारी होता है। ऐसे ग्रहण आर्थिक मंदी, अतिवृष्टि, राजनैतिक उथल-पुथल, महंगाई, विपदा, बेरोजगारी आदि लेकर आते हैं। इनसे बचने के लिए स्नान-दान धर्म सूर्य उपासना गायत्री मंत्र का जाप तथा आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करना ठीक रहेगा।
Penumbral Lunar Eclipse यानी उपछाया ग्रहण क्या होता है
2020 का तीसरा चंद्रग्रहण 5 जुलाई 2020 (Lunar Eclipse 5 July 2020) को दुनियां के कई हिस्सों में दिखाई देगा। इस साल का पहला चंद्रग्रहण (Chandra grahan 2020)10 जनवरी को दिखाई दिया था। इसके बाद दूसरा चंद्रग्रहण 5 जून को दिखाई दिया था। और अब 5 जुलाई को चंद्रग्रहण दिखेगा। लेकिन इस चंद्रग्रहण का प्रभाव भारत में नहीं दिखेगा। 5 जुलाई के बाद बाद अगला चंद्रग्रहण 29 नवम्बार 2020 को दिखाई देगा। इस साल जितने भी चंद्रग्रहण लगे हैं और जो लगने वाले हैं, उन सभी चंद्रग्रहण में एक बात कॉमन है। ये सारे चंद्रग्रहण उपच्छाखया चंद्रग्रहण है। हमने आपको इसी उपच्छा या चंद्रग्रहण के बारे में इस वीडियो में बताया है।
इन बातों का रखें ध्यान
चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं जाना चाहिए। चंद्र ग्रहण गर्भवती महिलाओं के लिए अशुभ प्रभाव वाला देने वाला होता है। इसलिए ग्रहण की अवधि में इनको घर में रहने की सलाह दी जाती है। इन महिलाओं को सब्जी काटना, कपड़े सीना आदि कार्यों में धारदार उपकरणों का उपयोग करने से बचना चाहिए। इससे गर्भस्थ शिशु को शारीरिक दोष हो सकता है। ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को सोना, खाना पकाना, और सजना-संवरना नहीं चाहिए। ग्रहण के नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए गर्भवती महिला को तुलसी का पत्ता जीभ पर रखकर हनुमान चालीसा और दुर्गा स्तुति का पाठ करना चाहिए। इस दौरान देव मंत्रों के उच्चारण से भी ग्रहण के दुष्प्रभाव से रक्षा होती है।
मन में अशांति अनुभव हो तो करें इष्टदेव का ध्यान
ग्रहण के चलते कुछ राशि के जातकों को चंद्रमा कमजोर होने से थोड़ी परेशानी उठानी पड़ सकती है। उनका मन अशांत होगा। नकारात्मक विचारों के चलते वे थोड़े समय के लिए अव्यवस्थित रहेंगे। धनु राशि और मित्र वर्ग के जातकों को इस अवस्था में अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है। वे अपने मन को एकाग्र रखने के लिए अपने अराध्य इष्टदेव का ध्यान लगाएं।
चंद्र ग्रहण के पीछे होते हैं कई रहस्य
ज्योतिष विज्ञान के अनुसार यह तीसरा चंद्र ग्रहण कई रहस्य छुपाए हुए है। यह चंद्र ग्रहण वर्ष 2020 का तीसरा चंद्र ग्रहण है, जो कि उपच्छाया है। उपच्छाया के बारे में कहा गया है कि इस तरह का चंद्र ग्रहण तब लगता है, जब सूर्य और चांद के बीच पृथ्वी आती है, लेकिन तीनों एक सीध में नहीं होते। एक लाइन में सीधे नहीं होने के कारण चांद के छोटी सी सतह पर छाया नहीं पड़ती है।
Posted By: Navodit Saktawat
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