Dev Deepawali 2022: सोमवार यानी 7 नवंबर 2022 को देव दिपावली मनाई जाएगी। हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को देव दीपावली मनाई जाती है। शास्त्रों में इसका काफी महत्व माना गया है। पौराणिक कथाओं के मुताबिक इस दिन देवताओं ने दीपावली मनाई थी, जब भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नाम के असुर भाइयों पर विजय प्राप्त की थी। इस दिन गंगा नदी में दीपदान करने की परंपरा है। शास्त्रों में कहा गया है कि इस दिन देवताओं का पृथ्वी पर आगमन होता है और उनके स्वागत में धरती पर दीप जलाये जाते हैं। इस दिन संध्या के समय शिव-मन्दिर में दीप जलाये जाते हैं। साथ ही अन्य मंदिरों में, चौराहे, पीपल के पेड़ व तुलसी के पौधे के नीचे भी दीये जलाए जाते हैं। खास बात ये है कि इस साल देव दीपावली पर कई शुभ संयोग बन रहे हैं। ऐसे में इस दिन पूजा-पाठ से विशेष फल की प्राप्ति होगी। चलिए आपको बताते हैं कि इस दिन कौन-कौन से शुभ मुहूर्त बन रहे हैं -
इन दिन बन रहे कई शुभ मुहूर्त
- ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04:53 बजे से 05:45 बजे
- अभिजीत मुहूर्त - सुबह 11:43 बजे से 12:26 बजे
- विजय मुहूर्त - दोपहर 01:54 बजे से 02:37 बजे
- गोधूलि मुहूर्त - शाम 05:32 बजे से 05:58 बजे
- अमृत काल - शाम 05:15 बजे से 06:54 बजे
- रवि योग - सुबह 06:37 बजे से 12:37 बजे ( 8 नवम्बर)
जानिए देव दीपावली की कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र कार्तिकेय ने तारकासुर का वध करके देवताओं को स्वर्ग वापस लौटाया था। उसके वध के बाद तारकासुर के तीनों पुत्रों ने देवताओं से बदला लेने का प्रण किया। उन्होंने ब्रह्माजी की तपस्या की और सभी ने एक-एक वरदान मांगा। वरदान में उन्होंने कहा कि जब ये तीनों नगर अभिजित नक्षत्र में एक साथ आ जाएं तब असंभव रथ, असंभव बाण से बिना क्रोध किए हुए कोई व्यक्ति ही उनका वध कर पाए। इस वरदान को पाए त्रिपुरासुर आतंक मचाने लगे और उन्होंने देवताओं को भी स्वर्ग से बाहर निकाल दिया। परेशान होकर देवता भगवान शिव की शरण में पहुंचे। भगवान शिव ने काशी में पहुंचकर सूर्य और चंद्र का रथ बनाकर अभिजित नक्षत्र में उनका वध कर दिया। इस खुशी में देवता काशी में पहुंचकर दीपदान किया और देव दीपावली का उत्सव मनाया। आज भी उसी परंपरा का निर्वाह करते हुए देव दीपावली मनाई जाती है।
Posted By: Shailendra Kumar
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