Gudi Padwa 2023: सनातन धर्म में गुड़ी पड़वा के पर्व का खास महत्व है। नववर्ष की शुरुआत चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से होती है। इस दिन गुड़ी पड़वा का पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस वर्ष यह त्योहार 22 मार्च को मनाया जाएगा। आइए जानते हैं गुड़ी पड़वा के बारे में कुछ जरूरी बातें।
चैत्र नवरात्रि की शुरुआत
गुड़ी पड़वा के दिन मराठी नववर्ष की शुरुआत होती है। मान्यता है कि गुड़ी को घर में लगाने से बुरी शक्तियां दूर रहती हैं। वहीं, सुख-समृद्धि आती है। गुड़ी पड़वा के दिन लोग अपने घर की विशेष रूप से साफ-सफाई करते हैं। खुशनुमा और पवित्र बनाने के लिए उसे सजाते हैं। गुड़ी पड़वा से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो जाती है।
नीम की पत्तियां खाकर दिन की शुरुआत
गुड़ी पड़वा के दिन नीम की पत्तियां खाकर दिन की शुरुआत की जाती है। कहा जाता है कि इससे खून साफ होता है। इस दिन घर के दरवाजे पर आम के पत्तों की माला लगाई जाती है। वहीं, घर के बाहर एक सुंदर गुड़ी बांधी जाती है। गुड़ी के सामने और मेन गेट के सामने आकर्षक रंगोली बनाई जाती है। पूजा करने के बाद सभी को गुड़ी पड़वा और नव वर्ष की शुभकामनाएं दी जाती हैं।
खरीदारी के लिए शुभ दिन
गुड़ी पड़वा के मौके पर पूरणपोली, श्रीखंड, जैसे तरह-तरह के स्वादिष्ट पकवान बनाए जाते है। इस दिन परिवार के सभी सदस्य एक साथ मिलकर भोजन करते हैं। इस दिन नई फसल की भी पूजा की जाती है। साथ ही गोल्ड, वाहन और मकान की खरीदारी की जाती है। इस दिन कोई भी काम शुरू करना शुभ माना जाता है। एक धार्मिक मान्यता यह भी है कि भगवान ब्रह्मा ने इसी दिन संसार का निर्माण किया था। सतयुग इसी दिन से शुरू हुआ था।

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Posted By: Kushagra Valuskar