Guru Pradosh Vrat: भोपाल (नवदुनिया प्रतिनिधि)। आज माघ शुक्ल त्रयोदशी है। हिंदू पंचांग के अनुसार माह में दो बार दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा करने का विधान है। मान्यता है कि इस दिन व्रत का पालन करते हुए प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा करने से साधक की समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। चूंकि आज गुरुवार है, अत: यह प्रदोष व्रत गुरु प्रदोष कहा जाता है। गुरुवार को भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। अत: गुरु प्रदोष पर्व पर भगवान शिव के साथ-साथ भगवान विष्णु की भी पूजा करना उत्तम है।

शुभ मुहूर्त

मां चामुंडा दरबार के पुजारी पंडित रामजीवन दुबे ने बताया कि गुरुवार 02 फरवरी को माघ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को गुरु प्रदोष व्रत पड़ रहा है। त्रयोदशी तिथि आज शाम 04:41 से शुरू होकर अगले दिन शाम 07:12 तक रहेगी। शाम को प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा की जाती है। अत: आज गुरु प्रदोष व्रत रहेगा। पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 05:40 से रात 08:27 तक रहेगा।

व्रत का महत्व

प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना की जाती है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन यदि भोलेनाथ के साथ माता पार्वती और पूरे शिव परिवार का विधि-विधान से पूजन किया जाए तो भगवान शिव अपने भक्त पर विशेष कृपा बरसाते हैं। अखंड सौभाग्य की कामना से महिलाएं प्रदोष व्रत रखती हैं। इसके अलावा जो महिलाएं संतान प्राप्ति की कामना से यह व्रत रखती हैं, उनके लिए भी यह बहुत फलदायी माना गया है। गुरु प्रदोष व्रत रखने से शत्रु और विरोधी शांत होते हैं। मुकदमों और विवादों में विजय मिलती है।

पूजा विधि

प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा करें। शिवजी को जल और बेल पत्र अर्पित करें। उन्हें सफेद वस्तु का भोग लगाएं। इस दौरान ऊं नम: शिवाय मंत्र का जाप करते रहें। रात के समय भी शिव जी के समक्ष घी का दीपक जलाकर शिव मंत्र का जाप करें। रात्रि के समय आठ दिशाओं में आठ दीपक जलाएं। इस दिन जलाहार और फलाहार ग्रहण करना उत्तम होगा। नमक और अनाज का सेवन न करें। अभिषेक, पूजा-पाठ, आरती, प्रसाद वितरण करें।

यह उपाय करने से मिलेगा लाभ

अपने स्नान के जल में सात चुटकी हल्दी डालकर स्नान करें। अपने घर की उत्तर-पूर्व दिशा में मिट्टी के बर्तन में जल भरकर रखें, समय-समय पर इसे बदलते रहें। पीले आसन पर बैठकर, पूर्व दिशा की तरफ मुंह कर, हल्दी की माला से बृहस्पति के मंत्रों का जाप करें। जरूरतमंद लोगों को पीला कपड़ा, पीली मिठाई, चने की दाल, हल्दी, गुड़, तिल्ली के लड्डू आदि का दान करें।

डिसक्लेमर - इस लेख में दी गई जानकारी/ सामग्री/ गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ ज्योतिषियों/ पंचांग/ प्रवचनों/ धार्मिक मान्यताओं/ धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें।

Posted By: Ravindra Soni

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