रायपुर। Hindu Nav Varsh 2023: हिंदू संवत्सर 2080 और शक संवत 1945 का शुभारंभ चैत्र नवरात्र हो रहा है, चूंकि नववर्ष बुधवार से शुरू हो रहा है इसलिए हिंदू नववर्ष का राजा बुध और मंत्री शुक्र होगा। बुध, शुक्र के प्रभाव से व्यापारी वर्ग, उद्यमियों का सितारा चमकेगा। व्यवसाय, उद्योग फलीभूत होगा।

ज्योतिषाचार्य डा.दत्तात्रेय होस्केरे के अनुसार हिंदू संवत्सर में उदया तिथि को महत्व दिया जाता है। सूर्याेदय काल में पड़ने वाली तिथि का महत्व होने से प्रतिपदा तिथि 22 मार्च को मनाई जाएगी। इसी दिन से हिंदू संवत्सर 2080 प्रारंभ होगा। नए संवत्सर का नाम नल है। धर्म ग्रंथों की गणना के अनुसार 5124 साल पहले कलयुग का प्रारंभ हुआ था।

मकर राशि में शनि-मंगल

हिंदू संवत्सर और चैत्र नवरात्र पर मकर राशि में शनि और मंगल ग्रह की युति शुभ फलदायी है। साथ ही कुंभ राशि में गुरु और शु्क्र ग्रह और मीन राशि में सूर्य और बुध ग्रह की युति होने से बुधादित्य याेग का संयोग बन रहा है। इसके अलावा मेष राशि में चंद्रमा, वृषभ में राहु और वृश्चिक में केतु विराजमान होगा। ग्रहों के इस संयोग से देश के गौरव, मान-सम्मान में वृद्धि होगी।

सनातन धर्म का प्रतीक ध्वज फहराएं

संस्कृत भारती छत्तीसगढ़ के प्रांत प्रचारक पं.चंद्रभूषण शुक्ला के अनुसार प्रत्येक सनातनी को हिंदू संवत्सर पर सनातन धर्म का ध्वज फहराना चाहिए। ध्वज हमारी आस्था का प्रतीक है। राजा-महाराजाओं के महल पर भी ध्वज लहराता था। महाभारत के युद्ध में भी अर्जुन के रथ पर केसरिया ध्वज लगा था। वेद, उपनिषद, पुराण में भी ध्वज को महत्व दिया गया है। किसी भी शुभ कार्य में ध्वज लगाने की परंपरा रही है। छत पर ध्वज लगाने से वास्तु दोष दूर होता है और नकारात्मक शक्तियां दूर भागती है, सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

केसरिया-पीले रंग का त्रिकोणीय ध्वज लगाएं

महामाया मंदिर के पुजारी पं.मनोज शुक्ला के अनुसार छत पर लगाए जाने वाला ध्वज त्रिकोणीय होना चाहिए। केसरिया अथवा पीले रंग के ध्वज पर स्वस्तिक या ओम् का चिन्ह अंकित हो। उत्तर-पश्चिम दिशा में ध्वज लगाने से नकारात्मक ऊर्जा नष्ट होती है। रोगों से मुक्ति मिलती है। ध्वज कटा-फटा अथवा मैला नहीं लगाना चाहिए। बारिश, धूप में फट जाए तो नया ध्वज लगाएं।

ध्वज लगाने के लाभ

- वास्तु दोष से मुक्ति

- मां लक्ष्मी की कृपा, आर्थिक समृद्धि

- सकारात्मक ऊर्जा का संचार

- नवरात्र, दशहरा, रथयात्रा, रामनवमी, दीपावली पर ध्वज लगाएं

Posted By: Ashish Kumar Gupta

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